दुमकाः संथाल परगना प्रमंडल के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अंबर लकड़ा ने पुलिस कस्टडी में साइबर क्राइम के आरोपी मो. मेराज अंसारी के मौत के मामले में कार्रवाई की है. डीआईजी ने सारठ और पालोजोरी के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है. इस कार्रवाई की पुष्टि डीआईजी अंबर लकड़ा ने की है.
दरअसल, चार दिन पूर्व 21 मई को देवघर जिला के पालोजोरी थाना क्षेत्र के दुधानी गांव निवासी मेराज अंसारी (35 वर्ष) को पुलिस ने साइबर क्राइम के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी में पालोजोरी थाना के साथ सारठ थाना की पुलिस भी शामिल थी.
गिरफ्तारी के बाद आरोपी मेराज अंसारी की तबीयत बिगड़ने लगी तब पहले उसे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां से उसे देवघर सदर अस्पताल के लिए रेफर किया गया. देवघर सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने मेराज को मृत घोषित कर दिया. दूसरे दिन 22 मई को मेराज के पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद दुधानी और आसपास गांव के रहने वाले काफी लोगों ने पालोजोरी थाना में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
हंगामा करने वाले लोगों ने पथराव किया, सड़क जाम किया और पालोजोरी बाजार भी बंद करा दिया. उनका आरोप था कि पुलिस की प्रताड़ना से मेराज की मौत हो गई है. इस स्थिति से निपटने के लिए अगल-बगल के थानों से अतिरिक्त बल मंगाया गया. लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने भी बल प्रयोग करते हुए उपद्रवियों को खदेड़ दिया. काफी देर तक हंगामा चलने के बाद स्थिति सामान्य हुई और बाजार खुले. मृतक मेराज के परिवार वाले और अन्य ग्रामीण पुलिस पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
डीआईजी ने सारठ और पालोजोरी थाना प्रभारी को किया निलंबित
संथाल परगना क्षेत्र के डीआईजी अंबर लकड़ा ने सारठ के थाना प्रभारी सूरज कुमार और पालोजोरी के थाना प्रभारी प्रभात कुमार को निलंबित कर दिया. डीआईजी ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि सारठ थाना प्रभारी सूरज कुमार और पालोजोरी थाना प्रभारी प्रभात कुमार के द्वारा मो. मेराज के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी प्राप्त किए बिना ही मनमाने तरीके से पूछताछ की गयी.
जबकि उन्हें मेराज के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करने के उपरांत ही आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए थी. इससे स्पष्ट होता है कि ये अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाह है और इनका कनीय पदाधिकारियों पर नियंत्रण नहीं है. अतः इन दोनों थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. इसकी कॉपी डीआईजी कार्यालय से देवघर के एसपी कार्यालय को भेजी गई है.
