केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सीमा चौकी ‘विनय’ का दौरा किया और बीएसएफ जवानों से बातचीत की.
जम्मू : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने कठुआ में सीमा चौकी ‘विनय’ का दौरा किया और वहां तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों से बातचीत की. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक (DG) सहित कई अन्य अधिकारी उनके साथ थे.
इस अवसर पर शाह ने बीएसएफ के शहीद सहायक कमांडेंट विनय प्रसाद को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 2019 में कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था.
शाह ने सीमा पर नवनिर्मित सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिसमें 8 महिला बैरक, हाई-मास्ट लाइट, एक जी+1 टावर और एक समग्र बीओपी शामिल हैं, जिनका निर्माण 47.22 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. इन सुविधाओं ने बीएसएफ जवानों की ड्यूटी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है. साथ ही जवानों के रहने की स्थिति में भी सुधार हुआ है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कठुआ स्थित BSF कैंप में सैन्य उपकरणों का निरीक्षण किया और जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी में बीएसएफ के जवानों और अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की. जवानों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यहां आने पर पता चलता है कि बीएसएफ के जवान किन कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. उन्होंने कहा कि अत्यधिक ठंड, भारी बारिश या 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने वाले तापमान और भौगोलिक या जलवायु चुनौतियों के बावजूद, हमारे जवान पूरी तैयारी और सतर्कता के साथ सीमाओं की सुरक्षा के लिए समर्पित रहते हैं.
अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा के मामले में बीएसएफ का गौरवशाली इतिहास रहा है. पूरा देश जानता है कि बीएसएफ हमारी रक्षा की पहली पंक्ति है और बल ने हमेशा इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ हर युद्ध में हमारे बीएसएफ जवानों का योगदान भारतीय सेना की तरह ही महत्वपूर्ण रहा है.
सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली तैनात की जाएगी
उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनाती के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली के दो मॉडल विकसित किए गए हैं. पूरी सीमा पर इनकी तैनाती के बाद जवानों को सूचना प्राप्त करने और तकनीक का उपयोग करके दुश्मन की किसी भी हरकत का तुरंत जवाब देने में काफी आसानी होगी. शाह ने यह भी बताया कि घुसपैठ की पहचान करने और सुरंगों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करके कई प्रयोग किए गए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ वर्षों में भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को तकनीकी सहायता से पूरी तरह सुसज्जित किया जाएगा. शाह ने कहा कि वर्तमान में प्रौद्योगिकी से संबंधित 26 से अधिक पहलों का परीक्षण किया जा रहा है, जिनमें एंटी-ड्रोन तकनीक, सुरंग पहचान तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी शामिल हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले मार्च तक इन परीक्षणों के कुछ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं, जिससे सैनिकों को अपने कर्तव्यों का पालन करने में आसानी होगी.
शाह ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में पिछले एक साल में विभिन्न आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वाले 10 पुलिसकर्मियों और एक इंजीनियर के परिवारों से सोमवार को मुलाकात की और परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे. अधिकारियों ने बताया कि शाह ने राजभवन में इन परिवारों से मुलाकात की. इनमें चार पुलिसकर्मियों के परिजन भी शामिल थे. इन पुलिसकर्मियों की हाल में कठुआ जिले में पाकिस्तानी आतंकियों के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी