पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ व्यापारिक संगठनों ने कैंडल मार्च निकाला, शुक्रवार को ‘दिल्ली बंद’ का ऐलान
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में व्यापारियों ने ‘बंद’ की घोषणा की है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने आतंकवादी हमले के विरोध में इस बंद का आह्वान किया गया है.
गुरूवार को व्यापारिक संगठनों ने पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए दिल्ली के अलग-अलग बाजारों में कैंडल मार्च निकाला. जिनमें खान मार्केट, कॉनॉट प्लेस आदि बाजार शामिल हैं. सीटीआई ने कहा कि इस आह्वान के जवाब में 100 से अधिक बाजार बंद रहने की उम्मीद है.
सीटीआई और 100 से अधिक व्यापारिक संगठनों के सदस्यों ने गुरुवार को काली पट्टी बांधकर कॉनॉट प्लेस में अपना विरोध दर्ज कराया. कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, भागीरथ प्लेस, राजौरी गार्डन और सरोजिनी नगर के प्रमुख बाजारों के व्यापारियों ने मार्च में हिस्सा लिया.
शुक्रवार को ‘दिल्ली बंद’ का ऐलान, ये बाजार रह सकते हैं बंद
शुक्रवार के बंद का समर्थन करने वाले बाजारों में सदर बाजार, भागीरथ प्लेस, गांधीनगर, नया बाजार, खारी बावली, चावड़ी बाजार, हिंदुस्तान मर्केंटाइल (चांदनी चौक), जामा मस्जिद और हौज काजी शामिल हैं.
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि व्यापारी समुदाय इस घटना से बेहद दुखी है और हमले की निंदा करने में एकजुट है. बता दें कपड़ा, मसाला, बर्तन और सर्राफा बाजारों के विभिन्न व्यापारी संघ भी ‘बंद’ में हिस्सा लेंगे.
खान मार्केट में व्यापारियों ने निकाला कैंडल मार्च: सीटीआई के उपाध्यक्ष राहुल अदलखा ने कहा कि व्यापारियों में व्यापक गुस्सा है. खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन ने कैंडल मार्च में हिस्सा लेने के लिए शाम 7.30 बजे अपनी दुकानें बंद कर दीं. उन्होंने अपने सिर पर काली पट्टी बांधी और एक मिनट का मौन रखा.
सीटीआई ने व्यापारिक समुदाय से शांतिपूर्ण तरीके से बंद का पालन करने और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़े रहने का आग्रह किया है. देशभर के राजनीतिक और व्यापारिक समूह और नागरिक समाज संगठन पहलगाम में नागरिकों की हत्याओं के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतरे रहे हैं.
पहलगाम में मारे गए 26 लोगों में एक विदेशी नागरिक और जम्मू-कश्मीर का एक निवासी भी शामिल है. यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक हमला है.