पांच महीने से चयनित डॉक्टरों की सूची स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के पास घूमती रही, लेकिन फैसला नहीं हो पाया.
रांची. रिम्स में 100 डॉक्टरों की पदोन्नति का मामला जीबी की बैठक के बाद खटाई में पड़ गया है. अब पदोन्नति के लिए नये सिरे से प्रयास किया जायेगा. इससे रिम्स के डॉक्टरों में असंतोष व्याप्त हो गया है. डॉक्टरों का कहना है कि बिहार में विभिन्न रिक्त पदों पर नियुक्ति का आवेदन आया है. अगर यही हाल रहा, तो कई डॉक्टर रिम्स छोड़ने को विवश हो जायेंगे. डॉक्टरों का कहना है कि रिम्स में योगदान देते हुए एसोसिएट प्रोफेसर तक पहुंचे हैं, जबकि अन्य राज्यों में हमारे साथ पढ़े डॉक्टर प्रोफेसर बन गये हैं. ऐसे में रिम्स में रहने से क्या फायदा है.
पदोन्नति के लिए नवंबर में लिया गया था साक्षात्कार
डॉक्टरों ने बताया कि नवंबर महीना में ही पदोन्नति के लिए साक्षात्कार दिया था. पांच महीने से चयनित डॉक्टरों की सूची स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के पास घूमती रही, लेकिन फैसला नहीं हो पाया. अंत में शासी परिषद की बैठक में रोक लगा दी गयी. यहां बता दें कि पिछले एक साल में राज्य के 700 डॉक्टर अन्य राज्याें में सेवा देने चले गये हैं. राज्य छोड़ कर जाने की मुख्य वजह वेतनमान है. वेतन में करीब 50,000 से 80,000 रुपये का अंतर होने के कारण डॉक्टर झारखंड छोड़ दूसरे राज्य जा रहे हैं.
