चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने प्रशासनिक सुधार विभाग को खत्म कर दिया है. यह जानकारी एक सरकारी अधिसूचना में दी गई है. पिछले करीब 21 महीने से प्रशासनिक सुधार विभाग कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के साथ था. लेकिन उन्हें बताया गया कि उनके पास अब केवल एनआरआई मामलों का विभाग बचा है.
शुक्रवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, “मंत्रियों के बीच विभागों के आवंटन के संबंध में पंजाब सरकार की अधिसूचना संख्या 21/1/2022-2 कैबिनेट/2230 दिनांक 23.09.24 में आंशिक संशोधन करते हुए, कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को पहले आवंटित प्रशासनिक सुधार विभाग अब अस्तित्व में नहीं है.”
सूत्रों ने बताया कि प्रशासनिक सुधार विभाग के लिए मंत्री को कोई स्टाफ नहीं दिया गया और न ही इससे संबंधित कोई बैठक हुई.
विपक्षी दलों ने इस मुद्दों को लेकर भगवंत मान सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा नेताओं ने कहा कि इससे राज्य में भगवंत मान की सरकार की गंभीरता का पता चलता है.
2023 में धालीवाल को मिला था प्रशासनिक सुधार विभाग
सीएम मान ने मई 2023 में कैबिनेट में फेरबदल किया था, जिसमें धालीवाल को प्रशासनिक सुधार विभाग का पोर्टफोलियो दिया गया था, जबकि उन्हें कृषि और किसान कल्याण विभाग से मुक्त कर दिया गया था, लेकिन एनआरआई मामलों के विभाग को बरकरार रखा गया था. कृषि और किसान कल्याण का पोर्टफोलियो गुरमीत सिंह खुड्डियां को दिया गया था.
विपक्षी दलों का AAP की सरकार पर कटाक्ष
विपक्षी दलों ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि ‘आप’ सरकार शासन को लेकर कितनी गंभीर है.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने सरकार पर कटाक्ष किया. उन्होंने एक्स पर इस संबंध में एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा, “क्या ‘बदलाव’ है!”
पंजाब भाजपा के महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा, “यह सरकार के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है कि एक ऐसा विभाग आवंटित किया गया है, जो अस्तित्व में नहीं है. न तो इसे आवंटित करने वालों को और न ही जिन्हें विभाग आवंटित किया गया था, उन्हें इस तथ्य की जानकारी थी कि यह विभाग अस्तित्व में नहीं है.”
शिअद नेता और बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी ‘आप’ सरकार पर निशाना साधा. बादल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “AAP स्टाइल में शासन. मंत्रियों को ऐसे विभाग आवंटित किए गए जो अस्तित्व में ही नहीं थे और उन्हें खुद भी नहीं पता कि उनके पास कौन से विभाग हैं. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मंत्रियों की शासन में कोई भूमिका नहीं है क्योंकि सरकार दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से चल रही है.”