Thursday, April 17, 2025

नीतीश कुमार पर चौबे के बयान से बिहार की सियासत गरमाई, क्या यह BJP की रणनीति का हिस्सा

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे के बयान ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है.

 भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को देश का उप-प्रधानमंत्री बना देना चाहिए, क्योंकि वह लंबे समय से एनडीए के संयोजक की भूमिका निभाते रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं.

यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस बयान के बाद कई सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या इस बयान के पीछे बीजेपी की कोई बड़ी रणनीति है? या अश्विनी चौबे की निजी राय.

Bihar politics is Ashwini Choubey statement on Nitish Kumar part of BJP strategy

बहरहाल पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. इस बयान को बिहार की राजनीति के संदर्भ में देखा जा रहा है. नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और एनडीए के अहम सहयोगी रहे हैं. अश्विनी चौबे के इस बयान में नीतीश को केंद्र में एक बड़ी भूमिका देने की बात कही गई है.

खुद को मजबूत करना चाहती है BJP
सूत्रों की मानें तो बीजेपी बिहार में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है और अगर नीतीश को डिप्टी पीएम बनाया जाता है, तो बिहार में मुख्यमंत्री पद खाली हो सकता है, और यह बीजेपी के लिए अपने किसी नेता को आगे लाने का मौका भी बन सकता है, क्योंकि जिस तरह से बिहार में विपक्ष नीतीश की तबीयत को लेकर सवाल उठा रहा है उसे देखते हुए भाजपा के भीतर भी काफी चर्चा हो रही है.

दूसरी तरफ, अगर देखा जाए तो चौबे का यह बयान एनडीए गठबंधन में एकता दिखाने के लिए भी संकेत देने जैसा है. अश्विनी चौबे ने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की जोड़ी को ‘राम-लक्ष्मण’ की जोड़ी भी करार दिया है. जिसके माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई है कि बीजेपी और जेडीयू मिलकर पूरे दम-खम के साथ आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

चौबे का बयान विपक्ष के दावे को बल देने वाला
वहीं राज्य के विपक्षी दल खासकर आरजेडी ने दावा किया है कि बीजेपी नीतीश को हटाकर बिहार में अपना मुख्यमंत्री लाना चाहती है. अश्विनी चौबे का यह बयान उस दावे को बल देता हुआ दिख सकता है, क्योंकि नीतीश को केंद्र में भेजने की बात उनके राज्य नेतृत्व को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है.

हालांकि जेडीयू का कहना है कि ये अश्विनी चौबे की निजी राय है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि 2025 का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.

बीजेपी के भीतर नीतीश के भविष्य को लेकर अलग-अलग मत होने की बात पहले भी सामने आ चुकी है. मसलन, पिछले साल चौबे ने कहा था कि बिहार में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़ेगा, जो नीतीश की भूमिका पर सवाल उठाता है.

क्या यह बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है?
संभव है कि यह बयान बीजेपी की ओर से एक ‘टेस्ट बैलून’ हो – यानी जनता और सहयोगियों की प्रतिक्रिया देखने की कोशिश. अगर नीतीश को केंद्र में ले जाया जाता है, तो बीजेपी बिहार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है, खासकर तब जब उसका वोट आधार बढ़ रहा हो. लेकिन यह जोखिम भरा भी हो सकता है, क्योंकि नीतीश की लोकप्रियता और जेडीयू का संगठन अभी भी एनडीए के लिए जरूरी है. हालांकि अश्विनी चौबे के इस बयान के बाद पार्टी नेताओं को इसपर कुछ भी टिप्पणी करने से मना कर दिया गया है.

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