डुमरांव (बक्सर)। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत डुमरांव रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार का कार्य 17.1 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया गया था, लेकिन 28 फरवरी 2025 की निर्धारित तिथि बीत जाने के बाद भी आधा कार्य पूरा नहीं हो सका है।
फुट ओवर ब्रिज (एफओबी), प्लेटफॉर्म शेल्टर, लिफ्ट, वेटिंग हॉल और अन्य आवश्यक कार्यों की शुरुआत तक नहीं हुई है, जिससे स्टेशन का ढांचा अस्त-व्यस्त हो गया है और यात्रियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत डुमरांव रेलवे स्टेशन का 17.1 करोड़ का जीर्णोद्धार अधूरा है जिसकी समय सीमा 28 फरवरी 2025 थी। फुट ओवर ब्रिज लिफ्ट और प्रतीक्षालय जैसे महत्वपूर्ण कार्य अभी भी लंबित हैं। नई रेल लाइन के कारण कई परियोजनाएँ रुकी हुई हैं। यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है जिससे उनमें निराशा है
योजना के तहत 30×12 वर्ग सेंटीमीटर की नई बिल्डिंग, 19,213.9 वर्ग सेंटीमीटर का सर्कुलेटिंग एरिया, 6 मीटर चौड़ा फुट ओवर ब्रिज, प्लेटफॉर्म शेल्टर, 500 मीटर की प्लेटफॉर्म सर्फेसिंग, दो लिफ्ट, 103.708 वर्ग सेंटीमीटर का वेटिंग हॉल, 105.52 वर्ग सेंटीमीटर का टॉयलेट और 150 वर्ग सेंटीमीटर का दूसरा प्रवेश द्वार शामिल है।
इनमें से सर्कुलेटिंग एरिया का निर्माण कार्य प्रगति पर है और दूसरे प्रवेश द्वार का जीर्णोद्धार शुरू हो चुका है, लेकिन बाकी प्रमुख कार्य अभी तक शुरू नहीं हुए। फर्नीचर (टेबल, कुर्सी, सोफा, अलमारी, बेंच) और पेंटिंग का कार्य भी स्टेशन संरचना के पूरा होने का इंतजार कर रहा है।
नई रेल लाइन के कारण अटके कार्य
कई कार्यों के शुरू न होने का कारण दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से पटना तक प्रस्तावित तीसरी और चौथी रेल लाइन का एलाइनमेंट फाइनल न होना बताया जा रहा है। इससे वेटिंग हॉल और टॉयलेट जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट लंबित हैं। स्थानीय लोगों और यात्रियों का कहना है कि कार्य की गति और स्पष्ट समयसीमा की जानकारी न होना उनकी परेशानी का सबब बन रहा है।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
फिलहाल, स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। बारिश में शेड से पानी टपकता है, शौचालय की स्थिति दयनीय है, और पश्चिमी छोर पर मौजूद एकमात्र शौचालय की सफाई व्यवस्था बेहद खराब है।
हाल ही में तत्कालीन डीआरएम प्रभात कुमार ने शौचालय की बदहाली पर नाराजगी जताते हुए तत्काल सफाई के निर्देश दिए थे, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। स्वच्छ पेयजल के लिए सिर्फ एक चापाकल है, टंकी का गर्म पानी पीने योग्य नहीं है, और लाखों की आय देने वाले इस स्टेशन पर वाटर कूलर तक नहीं है।
आय में अव्वल, फिर भी उपेक्षा
डुमरांव, बी श्रेणी का रेलवे स्टेशन, पूर्व मध्य रेलवे की रेवेन्यू सूची में लगातार शीर्ष पर रहा है। 2016-17 में 59वें, 2017-18 में 57वें, 2018-19 में 56वें, 2019-20 में 55वें, 2020-21 में 51वें, 2021-22 में 53वें, 2022-23 में 57वें, और 2023-24 में मंडल के 18वें स्थान पर रहते हुए स्टेशन ने इस वित्तीय वर्ष में 9,57,97,551 रुपये की आय अर्जित की। इस उपलब्धि के चलते स्टेशन को एनएसजी-5 ग्रेड में शामिल किया गया, लेकिन जीर्णोद्धार की धीमी गति यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।
यात्रियों की मांग, तेज हो कार्य
स्थानीय लोग और यात्री मांग कर रहे हैं कि स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं जैसे शौचालय, पेयजल, और शेल्टर को प्राथमिकता दी जाए। वे यह भी चाहते हैं कि अमृत भारत योजना के तहत लंबित कार्यों को जल्द पूरा किया जाए, ताकि स्टेशन का ढांचा सुधरे और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। रेलवे अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे इस दिशा में त्वरित कदम उठाएं और कार्य की समयसीमा स्पष्ट करें।