धनबादः कोयलांचल का छात्र तुहीन भट्टाचार्य तकनीक का गुर सीखने जापान जाएगा. भारत सरकार के द्वारा छात्र को जापान भेजा जा रहा है. तुहीन डीएवी कोयला नगर के 12वीं कक्षा का छात्र है. उसने एक ऐसा प्रॉजेक्ट डेवलप किया है, जिससे वाहनों से होने वाली कोयला चोरी पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा. कोयला चोरी होने पर या वजन कम होने पर रास्ते में ही वाहन रुक जाएगा. कोल कंपनियों के द्वारा वाहनों में इसके उपयोग से काफी हद तक कोयला चोरी पर लगाम लग सकता है. कोयला चोरी रुकने से सरकार को राजस्व में काफी फायदा होगा.
इस संबंध में तुहीन ने कहा कि मेरा प्रोजेक्ट “अनुश्रवण” कोयला की रोकथाम के लिया बनाया गया है. इस प्रोजेक्ट में वेट सेंसर लगाया गया है. वाहन में लोड कोयला अगर कहीं रास्ते में कम होता है, तो इसकी सूचना कंट्रोल रूम को मिल जाएगी. एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन तक कोयले के वजन की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी. अगर वाहन में लोड कोयला या फिर कोई भी अन्य सामग्री कम होती है यानी चोरी होती है, तो फौरन इसकी सूचना कंट्रोल रूम तक पहुंचेगी. कंट्रोल रूम के निर्देश पर अगर वाहन का ड्राइवर वाहन नहीं रोकता है तो इसके लिए भी सिस्टम लगाया गया है. वाहन स्वतः ही बंद हो जाएगा.
वाहन के ट्रेलर में एक लोड सेल लगाया गया है, जो निरंतर इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को देते रहता है. जिस स्थान पर ट्रक पर कोयला या फिर अन्य सामग्री लोड होगा वहीं पर उसका पूरा वजन रिकॉर्ड हो जाएगा. यदि सामान का वजन 10 फीसदी या इससे ज्यादा कम हुआ तो लगातार यह कंट्रोल रूम को सूचना देते रहेगा. इसके बाद कंट्रोल रूम पहले ड्राइवर से संपर्क करेगा और ड्राइवर को ट्रक या फिर अन्य वाहन रोकने के लिए कहेगा.

अगर फिर भी ड्राइवर गाड़ी नहीं रोकता है तो इस अवस्था में कंट्रोल रूम के पास एक एआई ट्रिगर रहेगा. ट्रिगर दबाने के साथ ही ट्रक की फ्यूल सप्लाई पाइप कट हो जाएगी. जिसके कारण ट्रक या फिर वाहन कुछ देर बाद वहीं रुक जाएगा. इसके बाद जीपीएस लोकेशन के द्वारा स्थानीय पुलिस या फिर सुरक्षा अधिकारी जांच कर सकेंगे.
प्रोजेक्ट तैयार करने में दो साल लगे
तुहीन भट्टाचार्य ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में करीब दो साल लगे हैं. वेट को कैलकुलेट करने के लिए लोड सेल का उपयोग किया गया है. ट्रांसमिशन के लिए आईओटी का इस्तेमाल किया गया है. तुहीन ने बताया कि धनबाद में कोल कंपनियों के द्वारा कोयला का खनन किया जाता है. कोयला चोरी को लेकर हमेशा से ही खबरें आती रहती हैं. कोयला चोरी एक बहुत बड़ी समस्या है. सरकार को कोयला चोरी से राजस्व का नुकसान होता है. कोयला की कमी को पूरा करने के लिए ओवर माइनिंग की जा रही है. जिसके कारण प्रकृति को भी नुकसान पहुंच रहा है. हमारे द्वारा विकसित प्रोजेक्ट का इस्तेमाल कर काफी हद तक कोयला चोरी पर अंकुश लगाया जा सकता है.
तुहीन की अन्य उपलब्धि
बता दें कि तुहीन इससे पहले 2023 में एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड जीत चुका है. अब अनुश्रवण प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार तुहीन को जापान भेज रही है. जापान में नई तकनीक के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस प्रोजेक्ट को और कैसे बेहतर बनाया जाए इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी.
डीएवी कोयला नगर स्कूल के अटल टिंकरिंग के इंचार्ज टीचर बीके सिंह के दिशा निर्देशन में तुहीन ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया. इस संबंध में बीके सिंह कहते हैं कि तुहीन काफी प्रतिभावान छात्र है. बड़े ही लगन के साथ वह हर कार्य करता है. उसका चयन जापान के लिए हुआ है. जापान में वह तकनीकी गुर और बेहतर सीख सकेगा.
स्कूल के प्राचार्य ने की तुहीन की तारीफ
वहीं स्कूल के प्राचार्य एनएन श्रीवास्तव ने कहा कि यह विद्यालय के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. तुहीन भट्टाचार्य एक होनहार छात्र है. 2022 में भी इंस्पायर अवार्ड से वह सम्मानित हो चुका है. राष्ट्रीय स्तर पर उसका चयन जापान के एक कार्यक्रम के लिए हुआ है. अन्य छात्रों को भी तुहीन का अनुसरण करने की जरूरत है.