Tuesday, February 25, 2025

देवघर में महाशिवरात्रि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे हेमंत सोरेन, सुरक्षा में तैनात रहेंगे 3000 पुलिस बल

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बुधवार (26 फरवरी 2025) को महाशिवरात्रि पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में भव्य शिव बारात निकाली जायेगी. शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पहली बार झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन कर रहा है. महोत्सव का उदघाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केकेएन स्टेडियम में करेंगे. उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री शिव बारात को रवाना करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन और 4 विभागों के सचिव भी मौजूद रहेंगे. देवघर जिला प्रशासन ने शिव रात्रि महोत्सव की तैयारी पूरी कर ली है.

शिव बारात रूटलाइन और पूरे शहर में सुरक्षा चाक-चौबंद

महाशिवरात्रि के लिए बाबा मंदिर से लेकर शिव बारात रूटलाइन और पूरे शहर में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये गये हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. करीब 3000 पुलिस बल और कई दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. काफी संख्या में अफसरों की भी तैनाती की गयी है. बारात रूटलाइन में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की जायेगी. इसके लिए जगह-जगह हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाये गये हैं. डीसी विशाल सागर और एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं.

Maha Shivratri 2025 Deoghar Jharkhand

बाबा की होगी चतुष्प्रहर पूजा

महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करने के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालु देवघर पहुंच गये हैं. बाबाधाम में फाल्गुन चतुर्दशी तिथि यानी शिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की चतुष्ग्रहर पूजा होती है. विग्रह पर माता को सिंदूर अर्पित करने की खास परंपरा के साथ बाबा भोलेनाथ का विवाह संपन्न होगा. इस पूजा में बाबा भोलेनाथ को दूल्हे की तरह सजाया जाता है. बेलपत्र से सरदार पंडा विग्रह पर माता को सिंदूर अर्पित करते हैं. विशेष पूजा के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से तैयारी कर ली गयी है.

शिव बारात में देवी-देवता राक्षस, भूत-पिशाच होंगे आकर्षक का केंद्र

महाशिवरात्रि पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबाधाम पहुंचते हैं. रात में निकलने वाली शिव बारात में ये लोग भी शामिल होते हैं. शिव बारात की भव्यता, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए शिव बारात को और भव्य और दिव्य रूप दिया गया है. शिव बारात में मुख्य रूप से बाराती के रूप में सभी देवी-देवताओं के साथ भूत, पिसाच, चुड़ैल, राक्षस आदि आकर्षण के केंद्र होंगे. इस वर्ष शिव बारात में मुख्य आकर्षण का केंद्र विशालकाय हाफिया हूप नामक राक्षस होगा.

विशेष पूजा के बाद शिखर पर फिर से स्थापित हुए पंचशूल

बाबा बैद्यनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के तमाम अनुष्ठान परंपरा के अनुसार हो रहे हैं. चली आ रही परंपरा के अनुसार, बाबा बैद्यनाथ और माता पार्वती सहित बाबा मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों के शिखर से उतारे गये पंचशूलों को विशेष पूजा के बाद फिर से मंदिरों के शिखर पर स्थापित कर दिया गया. इसके बाद बाबा बैद्यनाथ एवं माता पार्वती मंदिर के बीच गंठबंधन चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई. सुबह करीब पौने नौ बजे से राधाकृष्ण मंदिर के बरामदे पर पंचशूल पूजा हुई. करीब 2 घंटे तक तांत्रिक विधि से पूजा हुई. आरती के बाद सरदार पंडा ने राजू भंडारी को गणेश मंदिर से पंचशूल चढ़ाने की परंपरा को आगे बढ़ाने का आदेश दिया. इसके बाद बारी-बारी से सभी मंदिरों पर पंचशूल स्थापित कर दिये गये.

Maha Shivratri Deoghar Jharkhand

सरदार पंडा ने चढ़ाया पहला गंठबंधन

पंचशूल चढ़ाने के बाद मंदिर के महंत ने मंत्रोच्चार के साथ प्रेम के प्रतीक बाबा एवं माता पार्वती मंदिर के बीच गंठबंधन चढ़ाया. उसके बाद आम लोगों ने भी पट बंद होने तक जमकर बाबा एवं माता मंदिर के बीच गंठबंधन चढ़ाकर मंगल कामना की. पट बंद होने तक एक हजार से अधिक लोगों ने गंठबंधन चढ़ाया. पूजा को सफल बनाने में प्रबंधक रमेश परिहस्त, दिवान सोना कुमार सिन्हा, सरदार पंडा प्रतिनिधि बाबा झा, मंदिर कर्मी अरुण राउत, सुधीर मिश्रा व अन्य मौजूद रहे.

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