देवघर:झारखंड एक कृषि प्रधान राज्य है. सूबे के ज्यादातर लोग कृषि के माध्यम से ही अपना जीवन-यापन करते हैं. खासकर संथाल परगना क्षेत्र के ज्यादातर लोग खेती के भरोसे ही अपनी आजीविका चला रहे हैं. लेकिन यहां किसानों की हालात बहुत अच्छी नहीं है. देवघर के सारवां प्रखंड के कई किसानों ने कहा कि दिन-रात खेती में लगे रहते हैं, लेकिन मेहनत के हिसाब से उन्हें लाभ नहीं मिल पाता है.
सब्जी की कीमत नहीं मिलने से मायूसी
सारवां प्रखंड के किसान मुरली वर्मा बताते हैं कि सारवां से तीन-चार जिलों में सब्जी का निर्यात किया जाता है. देवघर के सारवां से दुमका, बांका और गिरिडीह जैसे जिलों में प्रतिदिन सब्जी सप्लाई की जाती है, लेकिन किसानों को उनके मेहनत के हिसाब से सब्जी की कीमत नहीं मिलती है.
खेत में बर्बाद हो रहे टमाटर
किसान मुरली वर्मा बताते हैं कि वर्तमान में उन्होंने बीट की खेती की है. बाजार में बीट की कीमत 35 से 40 रुपये प्रति किलो है, लेकिन किसानों को 15 से 20 रुपये ही प्रति किलो रेट मिल रहा है. उन्होंने बताया कि उनके खेत में टमाटर बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन बाजार में टमाटर के दाम नहीं मिल पा रहे हैं.
खेती के लिए सिंचाई की सुविधा नहीं
किसान राधिका देवी और किसान मुरली वर्मा ने कहा कि किसानों को देवघर में सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है. इसलिए किसान पूर्ण संसाधन के साथ खेती नहीं कर पाते हैं. किसानों ने कहा कि जब तक बेहतर सिंचाई की सुविधा नहीं मिलेगी, तब तक देवघर के किसानों को खेती से अच्छी आमदनी नहीं हो पाएगी.
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सरकारी योजना के तहत सौर्य ऊर्जा योजना, कीटनाशक छिड़काव, अत्याधुनिक मशीन नहीं मिल पा रही है.जिस वजह से किसान खेती नहीं कर पाते हैं. जबकि किसान मुरली वर्मा की मेहनत को देखते हुए कई निजी संस्थाओं ने उन्हें कई इनाम भी दिए हैं और उनके मेहनत के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया है.
किसानों की समस्याओं पर लेंगे संज्ञानः डीएओ
किसानों की समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने जब जिला कृषि पदाधिकारी यशराज से बात की तो उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. योजनाओं को किसान तक पहुंचाने के लिए सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में पीएम किसान योजना और राज्य सरकार की किसान समृद्धि योजना जिले में सभी किसानों के लिए चलाई जा रही है. इसके बावजूद यदि किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है तो वह इस पर जरूर संज्ञान लेंगे.
ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करने की सलाह
उन्होंने सिंचाई की समस्या पर कहा कि देवघर जिले में पानी की दिक्कत शुरू से ही है. इस वजह से सिंचाई के लिए किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है, लेकिन उन्होंने सभी किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि यदि ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करें तो उन्हें खेती में लाभ मिलेगा और कम पानी में जिले के किसान बेहतर खेती कर पाएंगे.
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प्रगतिशील किसानों को किया जाएगा चिन्हित
इसके अलावा जिन किसानों को संसाधन नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी के माध्यम से वह सभी प्रखंडों के किसानों की समस्या से अवगत होंगे और प्रगतिशील किसानों को चिन्हित कर उनपर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
गौरतलब है कि देवघर जिले में किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयासों का लाभ सभी किसानों को नहीं मिल रहा है. जरूरत है जिला प्रशासन और सरकार किसानों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए वृहत स्तर पर काम करें.