पंजाब की एक अदालत ने दुष्कर्म मामले में पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया है. उसे पटियाला जेल में बंद कर दिया गया.
चंडीगढ़: पंजाब में मोहाली के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) ने दुष्कर्म मामले में पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया है. दोषी पाए जाने के बाद 42 वर्षीय पादरी बजिंदर को पटियाला जेल ले जाया गया. अदालत 1 अप्रैल 2025 को सजा का ऐलान करेगी. मामले में पांच अन्य आरोपियों – अखबार भट्टी, राजेश चौधरी, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप पहलवान – को बरी कर दिया गया.
पादरी पर 25 वर्षीय महिला को नशीला पदार्थ देने, उसे ब्लैकमेल करने के लिए वीडियो रिकॉर्ड करने और विदेश जाने के लिए वीजा की व्यवस्था करने के बहाने उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था. 2018 में जीरकपुर थाने में पादरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार, ‘पीड़िता से शुरू में वीजा के लिए पैसे मांगे गए थे, लेकिन उसे लालच दिया गया, नशीला पदार्थ दिया गया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया. पादरी ने दुष्कर्म का वीडियो बनाया और इसका इस्तेमाल करके पीड़िता को बार-बार मोहाली के सेक्टर 63 और अन्य जगहों पर बुलाया, जहां उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया.’
आरोप है कि पीड़िता को दुष्कर्म से पहले अक्सर नशीली चाय दी जाती थी. मेडिकल और डीएनए टेस्ट में पादरी के खिलाफ आरोपों की पुष्टि हुई.
दो अन्य महिलाओं की शिकायतों के आधार पर पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ दो और एफआईआर दर्ज की गई हैं- एक कपूरथला में और दूसरी मोहाली में.
पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिए जाने पर पीड़िता के वकील अनिल सागर ने कहा, “अभी तक कोई विस्तृत आदेश जारी नहीं किया गया है, लेकिन न्याय हुआ है. मैं तो यही कहूंगा कि पीड़िता के पक्ष को उसके पूरे काम का श्रेय दिया जाना चाहिए. इसके अलावा, अगर किसी और लड़की के साथ कुछ हुआ है या हो रहा है, तो उनके लिए यह बड़ी राहत की बात है. हमारे लिए यह न्याय की सच्ची जीत है.