Monday, May 19, 2025

दिन से पड़ेगी भीषण गर्मी, नौतपा में पृथ्वी से सूर्य की सीधी किरणें बढ़ायेगी तपिश

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नौतपा 9 दिनों की वह अवधि होती है, जब सूर्य की गर्मी सबसे ज्यादा महसूस होती है. इस दौरान बिहार के कई जगहों पर तापमान रिकॉर्ड तोड़ सकता है. इस साल नौतपा 25 मई से शुरू होकर 8 जून तक चलेगा.

पटना. ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी में 25 मई यानी रविवार की दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. ग्रहों के राजा सूर्य के इस गोचर से अगले नौ दिन तक नौतपा रहेगा. रोहिणी नक्षत्र के लगने से सूर्य अपने प्रचंड रूप में रहते हैं और धरती से सूर्य की लंबवत किरणों के पड़ने से इस दौरान भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा. रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा व देवता ब्रह्मा हैं. सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है, तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है. नौतपा के दौरान जितनी अधिक गर्मी होती है, मॉनसून में उतनी ही अच्छी बारिश के आसार बनते हैं.

नौतपा कब होता है शुरू

ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने बताया कि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से चंद्र नौ नक्षत्रों में विचरण करते हैं, इसीलिए इसे नौतपा कहा गया है. बनारसी पंचांग के अनुसार नौतपा का आरंभ 26 मई सोमवार की शाम 5:54 बजे से हो जायेगा. सूर्य का प्रवेश वृष राशि में होने पर सूर्य, चंद्र और मंगल कृतिका, रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो गर्मी और बढ़ जाती है. सूर्य सिद्धांत व श्रीमद्भागवत महापुराण में भी नौतपा का वर्णन है. जिस तरह कुंडली में सूर्य जिस ग्रह के साथ बैठ जाये, वह ग्रह अस्त हो जाता है, उसी तरह चंद्र के नक्षत्र में सूर्य के आने से चन्द्रमा के प्रभाव क्षीण हो जाते हैं, यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती. इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है.

नौतपा की समाप्ति पर आंधी-पानी का योग

वर्षा के ऋतु चक्र निर्माण में रोहिणी तथा मेघों का विशेष महत्व होता है. सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने से चावल समेत सभी प्रकार के खद्यान्न अलसी, सरसों, गुड़, खांड, सुपारी, रुई, सूत, सन के दामों में उछाल आयेगा. नौतपा की समाप्ति पर तीन जून से आंधी-पानी के साथ वर्षा होने के योग बन रहे हैं. पंडित राकेश झा के अनुसार नौतपा में सूर्य और चंद्रमा की गति से आगामी वर्षाकाल का आकलन किया जाता हैं. रोहिणी तथा मृगशिरा नक्षत्र में जहां सूर्य की स्थिति का आकलन करते हैं, वहीं आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक चंद्रमा के परिभ्रमण की स्थिति का आकलन किया जाता है. दोनों की गति का मॉनसून में वर्षा की स्थिति का आकलन करते हैं. इसके साथ ही नौतपा से यदि पूरे नौ दिनों तक भीषण गर्मी पड़ती है, तो वर्षाकाल में अच्छी बारिश के संकेत हैं.

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