बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार की नई शराब नीति को चहेतों को लाभ पहुंचाने वाली बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शराब घोटाले की नींव डाल रही है जिससे राजस्व का भारी नुकसान होगा। मरांडी ने सरकार से एक व्यक्ति को एक दुकान की नीति लागू करने और ग्रामीण महिलाओं को दुकानें आवंटित करने का आग्रह किया अन्यथा भाजपा पूरे प्रदेश में विरोध करेगी।
रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार की नई शराब नीति को चहेतों का लाभ देने के लिए बनाई गई नीति बताया।
शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता कर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने पहले भी उन्होंने राज्य सरकार की नीति और नीयत को उजागर किया है, समय आने पर फिर खुलासा करेंगे।
हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल में तीसरी बार शराब घोटाले की नींव डाली है। पहले दो घोटाले अभी जांच के घेरे में हैं। अब तीसरी बार चहेतों को उपकृत करने के लिए नए तरीके से शराब नीति लाई गई है
यह माफियाओं को खुली छूट देकर शराब पर कब्जे की वैधानिक कार्रवाई है। शराब नीति के तहत नीलामी यूनिट के आधार पर होगी। हर यूनिट में एक से चार दुकानों का प्रविधान है। कोई भी व्यक्ति या समूह इसके तहत अधिकतम 12 यूनिट ले सकता है।
राजस्व की होगी भारी क्षति
इसमें ऐसा भी प्रविधान है कि एक व्यक्ति या समूह एक जिले में 48 दुकानें ले सकता है। इतना ही नहीं एक व्यक्ति या समूह इस नीति के तहत राज्य में 140 दुकानें ले सकता है। इस नीति के कारण फिर से राज्य को राजस्व की भारी क्षति होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगर सचमुच ने रोजगार देना चाहती है तो एक व्यक्ति को एक दुकान की नीति लागू हो। अधिसूचित क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में दुकानों को आरक्षित किया जाए।
पूर्व में लिखे अपने पत्र के हवाले से बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं जो सड़क किनारे हड़िया बेचने को मजबूर हैं उन्हें वैध तरीके से दुकानें आवंटित की जाए, ताकि राज्य की बहन-बेटियां सम्मानजनक तरीके से आजीविका पा सकें। अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती तो भाजपा इसका पूरे प्रदेश में प्रबल विरोध करेगी।