पूछताछ के दौरान तहव्वुर राणा क्या खुलासे कर सकता है, इसको लेकर ईटीवी भारत संवाददाता गौतम देबरॉय ने NIA के पूर्व अधिकारी से बात की.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के जासूस 26/11 मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा से बुधवार को छठे दिन भी पूछताछ कर रहे हैं. इस बीच एंटी-टेरर एजेंसी के पूर्व महानिरीक्षक लोकनाथ बेहरा ने उम्मीद जताई है कि राणा से पूछताछ के बाद आतंकवादी कृत्य में शामिल कुछ और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं. बेहरा ने यह भी दावा किया कि मुंबई आतंकी हमले में कई अन्य हैंडलर, सहयोगी और साजिशकर्ता शामिल हो सकते हैं.
ईटीवी भारत को दिए एक विशेष इंटरव्यू में बेहरा ने कहा, “इस बात की भी संभावना है कि वह (राणा) कुछ अन्य लोगों को जानता हो, जिनके बारे में जांचकर्ता नहीं जानते हैं. यह संभव है कि वह कुछ अन्य हैंडलर, सहयोगी, साजिशकर्ता आदि के बारे में बता सकता है, जिनके बारे में हमें नहीं पता है. यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.”
NIA के संस्थापक सदस्य हैं बेहरा
केरल कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी बेहरा NIA के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. बेहरा को मुंबई आतंकी हमले की जांच करने का काम भी सौंपा गया था, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी और कई सौ लोग घायल हो गए थे.
दो मामलों में आरोपी है राणा
बेहरा ने कहा, “राणा दो मामलों में आरोपी है. एक मामले में एनआईए और दूसरे में मुंबई पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया है. इसलिए, इस आधार पर कानूनी तौर पर वह बहुत महत्वपूर्ण है. वह एक आरोपी है और उसे मुकदमे का सामना करना होगा.”
मुख्य सूत्रधार
बेहरा ने कहा कि राणा डेविड कोलमैन हेडली का मुख्य सूत्रधार था, जिसने मुंबई हमले और अन्य जगहों पर हमला करने की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी. बेहरा ने कहा, “राणा सूत्रधार था, इसलिए वह महत्वपूर्ण है. राणा हमलावरों को फंडिंग और अन्य सहायता आदि के बारे में भी जानकारी दे सकता है.”
अन्य लोग भी हो सकते हैं शामिल
बेहरा ने कहा, “जांचकर्ता हमेशा संभावनाओं का पता लगाने की कोशिश करते हैं. हालात ऐसे हैं कि इस बात की बहुत संभावना है कि कुछ अन्य लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं.” जांच के दौरान बेहरा हेडली से पूछताछ करने के लिए अमेरिका भी गए थे.
आतंकवादियों के स्लीपर सेल का अस्तित्व
भारत में आतंकवादी स्लीपर सेल के अस्तित्व के बारे में पूछे जाने पर बेहेरा ने कहा कि जांचकर्ता सभी संभावनाओं का पता लगाने की कोशिश करेंगे. कई अन्य मामलों की जांच के दौरान, एनआईए ने पहले दावा किया है कि कई आतंकवादी संगठन भारत भर के प्रमुख शहरों और कस्बों में स्लीपर सेल को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं.
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आतंकवादी संगठन उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार में स्लीपर सेल को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं. हमने इस घटनाक्रम के बारे में संबंधित राज्यों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पहले ही सतर्क कर दिया है.” एजेंसी ने लश्कर-ए-तैयबा , जैश-ए-मुहम्मद और अन्य जैसे आतंकवादी समूहों की पहचान की है, जो स्थानीय सहयोगियों की मदद से स्लीपर सेल को सक्रिय कर रहे थे.
एजेंसी ने दावा किया, “वह शहरी इलाकों और अत्यधिक भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर हमले करने की योजना बना रहे थे. स्लीपर सेल से जुड़े खुलासे एनआईए द्वारा पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले की जांच के बाद सामने आए. एनआईए की जांच में आगे कहा गया है कि गजवा-ए-हिंद की मदद से आतंकवादी भोले-भाले भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और यमनी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें स्लीपर सेल के रूप में भर्ती करने की कोशिश कर रहे थे.”
राणा ने भारत भर के कई शहरों का दौरा किया
एनआईए की चार्जशीट के अनुसार आरोपी (राणा) ने दिल्ली, पुष्कर, कोच्चि और रणनीतिक महत्व के अन्य स्थानों सहित कई स्थानों का दौरा किया था. बेहरा ने कहा, “उन्होंने निश्चित रूप से भविष्य के हमलों में इस लक्ष्य को ध्यान में रखने की योजना बनाई थी. इसलिए, राणा से मिलने वाली जानकारी सभी के लिए मददगार होगी.”
सप्लीमेंट्री आरोपपत्र दाखिल करने में तेजी लाएगी एनआईए
बेहरा ने कहा, “एनआईए के पास राणा से पूछताछ के लिए 30 दिन का समय है. उन्हें पहले ही 18 दिन मिल चुके हैं. एजेंसी को और 12 दिन मिलेंगे. उसके बाद कई तरह के वेरिफिकेशन और क्रॉस-वेरिफिकेशन किए जाने हैं. मुझे लगता है कि वे पूरी प्रक्रिया में तेजी लाएंगे, ताकि वे जल्द से जल्द पूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकें.”
26/11 के कुछ महीनों बाद राणा और हेडली को गिरफ्तार किया गया
मुंबई में आतंकी हमले के कुछ महीनों बाद राणा और हेडली दोनों को 2009 में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने अमेरिका में गिरफ्तार किया था. एनआईए ने अपने पहले आरोपपत्र में राणा और हेडली के अलावा आतंकी हमले में शामिल सात आरोपियों के नाम दर्ज किए.
जांच के दौरान प्रतिबंधित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और हुजी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की भूमिका सामने आई है. इनमें हाफिज मुहम्मद सईद उर्फ तैय्याजी, जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद मजीद उर्फ वासी, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सईद उर्फ मेजर अब्दुर्रहमान उर्फ पाशा शामिल हैं. इन सभी की भूमिका ISI के अधिकारियों मेजर इकबाल उर्फ मेजर अली और मेजर समीर अली उर्फ मेजर समीर की मिलीभगत और सहायता से सामने आई है. ये सभी पाकिस्तान के निवासी हैं.
राणा पर अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के अनुसार राणा पर भारत में कई अपराधों का आरोप है, जिसमें षडयंत्र, हत्या, आतंकवादी कृत्य करना और जालसाजी शामिल है, जो लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित संलिप्तता से संबंधित है, जो एक नामित विदेशी आतंकवादी संगठन है. 26 और 29 नवंबर, 2008 के बीच, LeT के दस आतंकवादियों ने मुंबई में 12 समन्वित गोलीबारी और बम विस्फोट हमलों की एक सीरीज को अंजाम दिया था.
जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि राणा ने एक धोखाधड़ीपूर्ण कवर की सुविधा दी ताकि उसका बचपन का दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर ए तैयबा के लिए संभावित हमला स्थलों की निगरानी करने के उद्देश्य से स्वतंत्र रूप से मुंबई की यात्रा कर सके.