Sunday, March 23, 2025

डीजीजीआई की बड़ी कार्रवाई, 357 अवैध ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट ब्लॉक; करीब 2 हजार बैंक खाते जब्त

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अवैध जुए पर लगाम लगाने के लिए लगभग 700 विदेशी ऑपरेटरों की जांच की जा रही है. डीजीजीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 357 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की वेबसाइटों को ब्लॉक किया है. ईटीवी भारत संवाददाता सुरभि गुप्ता की रिपोर्ट…

नई दिल्ली: जीएसटी खुफिया अधिकारियों ने विदेश से संचालित अवैध ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की 357 वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है. इसके साथ ही लगभग 2 हजार बैंक खाते जब्त किए हैं. अवैध जुए पर लगाम लगाने, वित्त की अखंडता की रक्षा करने और कराधान कानून के तहत आश्वासन सुनिश्चित करने के प्रयास में राज्य द्वारा लगभग 700 विदेशी ऑपरेटरों की जांच की जा रही है.

वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (DGGI) ने भारत में कर चोरी करने वाली विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. DGGI ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के साथ मिलकर अवैध ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी और जुए से जुड़ी 357 वेबसाइट, URL को ब्लॉक किया है. यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 और धारा 69 के तहत की गई है. यह सरकार को ऐसे प्लेटफॉर्म तक पहुंच पर रोक लगाने का अधिकार देता है जो राज्य की वित्तीय अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं.

इनमें से कुछ अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ एक बड़े अभियान में, DGGI ने उनके फाइनेंसियल नेटवर्क को भी निशाना बनाया है. इस दौरान 2 हजार बैंक खातों की पहचान कर उन्हें ब्लॉक किया गया है. इनका इस्तेमाल भारतीय प्रतिभागियों से धन संग्रह के लिए किया जा रहा था. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के सहयोग से इन खातों में 4 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है.

इसके अलावा, इन ऑफशोर प्लेटफॉर्म से संबंधित UPI ID से जुड़े 392 बैंक खातों पर डेबिट फ्रीज लगाया गया है, जिसकी कुल राशि 122.05 करोड़ रुपये है. इन उपायों के पीछे का उद्देश्य इन अवैध प्लेटफॉर्म को वित्त के स्रोतों से दूर करना है, जिससे संभावित टैक्स चोरी और अवैध लेनदेन पर लगाम लगाया जा सके.

जीएसटी के दायरे में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग
भारत के ऑनलाइन मनी गेमिंग उद्योग में घरेलू और विदेशी ऑपरेटर शामिल हैं. ये सभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आते हैं. डीजीजीआई द्वारा की गई जांच से पता चलता है कि कई ऑफशोर गेमिंग प्लेटफॉर्म या तो जीएसटी के लिए पंजीकरण कराने में विफल रहे हैं या उन्होंने टैक्स चोरी किया है. इस तरह की व्यापक कर चोरी के कारण इन गैर-अनुपालन संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता थी.

भारतीय संचालकों का पर्दाफाश
कार्रवाई में भारतीय नागरिकों द्वारा क्षेत्र के बाहर शुरू किए गए ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाने के मामले भी सामने आए हैं. जांच से पता चला है कि ये लोग सतगुरु ऑनलाइन मनी गेमिंग, महाकाल ऑनलाइन मनी गेमिंग और अभी 247 ऑनलाइन मनी गेमिंग जैसे सेटअप का उपयोग करके भारत के बाहर के क्षेत्रों से भारतीय यूजर्स को ऑनलाइन गेमिंग में सहायता कर रहे थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर

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