राज्य सरकार ने यह दावा किया कि बढ़ोतरी के बावजूद भी डीजल की कीमत पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम ही रहेगी.
बेंगलुरु: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राज्य की जनता को महंगाई का एक और डोज दिया है. यहां के लोग अभी दूध और बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी से उबरे नहीं थे कि अब पेट्रोलियम पदार्थ डीजल के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने मंगलवार को डीजल के दामों में करीब में 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया. इससे साफ हो गया है कि डीजल पर प्रति लीटर 2 रुपये की बढ़ोतरी होगी और आज से डीजल के नए दाम 91.02 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस फैसले से लगभग 500 करोड़ रुपये के राजस्व आने की उम्मीद है.
फैसले के सरकार ने यह तर्क दिया कि कर्नाटक में डीजल के दाम अभी भी पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम ही हैं. बता दें, यह दूसरी बार है जब राज्य सरकार ने एक साल से भी कम समय में डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की है. इससे पहले पिछले साल जून 2024 में डीजल पर लगने वाले टैक्स को को 4.1 प्रतिशत बढ़ाकर 14.34 प्रतिशत से 18.44 फीसदी कर दिया था. अब मौजूदा बढ़ोतरी के साथ बिक्री कर 21.7 प्रतिशत हो गया है.
डीजल पर टैक्स बढ़ाने के फैसले का आम जनता पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि कुछ दिन पहले ही दूध की कीमतों में 4 रुपये प्रति लीटर और बिजली शुल्क में 36 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई. इसके अलावा स्थायी शुल्क में 25 रुपये प्रति किलोवाट की वृद्धि की गई है. वहीं, पिछले महीने जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बिना कोई नया टैक्स लगाए और मौजूदा करों में कोई बदलाव किए 2025-26 का बजट पेश किया था, तब विपक्ष के नेता आर अशोक ने आगाह किया था कि बजट सत्र खत्म होने के बाद कीमतों में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहें. उनकी बातें सच होती दिख रही है.