झारखंड में हाइस्कूल और प्लस टू विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव होगा. इसके तहत अब इन शिक्षकों का एक ही कैडर होगा. स्कूली, शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है.
रांची : नयी शिक्षा नीति के अनुरूप झारखंड में हाइस्कूल और प्लस टू विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव होगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत हाइस्कूल और प्लस टू स्कूल में शिक्षकों का अब एक राज्यस्तरीय कैडर होगा. नियुक्ति के लिए एक परीक्षा ली जायेगी. नयी शिक्षा नीति में नौवीं से 12 वीं तक की पढ़ाई को एक साथ रखा गया है.
कक्षा नौवीं से 12वीं तक एक शिक्षक की नियुक्ति
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में टेन प्लस टू की जगह प्रारंभिक शिक्षा (दूसरी कक्षा तक) के लिए पांच वर्ष, तीसरी से पांचवीं तक के लिए तीन वर्ष, छठी से आठवीं तक के लिए तीन वर्ष और अंत में नौवीं से 12वीं तक के लिए चार वर्ष निर्धारित किये गये हैं. अब 10 प्लस टू की जगह नयी शिक्षा नीति में 5,3, 3, 4 की सरंचना तय की गयी है. ऐसे में अब कक्षा नौवीं से 12वीं तक के लिए एक शिक्षक की ही नियुक्ति होगी. राज्य में वर्तमान में हाइस्कूल और प्लस टू विद्यालय के लिए अलग-अलग शिक्षकों की नियुक्ति होती आ रही थी.
अब पीजीटी शिक्षकों की होगी नियुक्ति
राज्य में हाइस्कूल में स्नातक प्रशिक्षित व प्लस टू विद्यालय में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति होती थी. अब हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय के लिए एक साथ स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति होगी. नयी शिक्षा नीति के तहत कक्षा नौवीं से 12वीं तक पढ़ाई एक साथ होने की स्थिति में आने वाले वर्षों में राज्य के हाइस्कूल को प्लस टू विद्यालय में अपग्रेड किया जायेगा. राज्य में कुल 810 प्लस टू विद्यालय हैं. इनमें 59 एकीकृत बिहार के समय के हैं. जबकि शेष विद्यालय को राज्य गठन के बाद हाइस्कूल से प्लस टू में अपग्रेड किया गया है. 810 प्लस टू विद्यालयों में से 510 में शिक्षकों के पद सृजित हैं. हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय में अब माध्यमिक आचार्य का पद सृजित होगा. शिक्षकों के वेतन का निर्धारण भी नये सिरे से होगा.