Thursday, March 6, 2025

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में एटी देवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी का मुद्दा उठा. इस पर विभागीय मंत्री ने मामले को गंभीर माना.

Share

रांचीः ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब किसी मामले में खुद विभाग के मंत्री सदन में स्पीकर से आग्रह करते हैं कि विधानसभा की कमेटी बनाकर जांच करवाई जाए. मामला धनबाद में कोल माइनिंग कर रही एटी देवप्रभा नामक आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी से जुड़ा है. सिंदरी से भाकपा माले के विधायक चंद्रदेव महतो ने ध्यानाकर्षण की सूचना के तहत धनबाद में बीसीसीएल की क्षेत्र संख्या 10 में काम कर रही देवप्रभा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

उन्होंने कहा कि बलियापुर में रैयतों की जमीन पर जबरन ओबी डंप किया जा रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं. 23 दिसंबर 2023 को एफआईआर तब हुई जब गांव के लोग कई दिनों तक धरना पर बैठे, लेकिन मामले में कार्रवाई नहीं हुई. इस पर कई विधायकों की सूचना और विभागीय मंत्री के आग्रह पर आसन ने कमेटी बनाकर जांच कराने के सुझाव पर सहमति दी है.

मंत्री का शुरुआती जवाब और विधायक का पक्ष

इस पर मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि अतिक्रमणवाद की कार्रवाई चल रही है. दो नोटिस भी जारी हो चुका है. यह सही है कि आउटसोर्सिंग कंपनी मनमानी कर रही है. नाराजगी जताते हुए विधायक चंद्रदेव महतो ने कहा कि संबंधित कंपनी तो सरकारी जमीन का भी अतिक्रमण कर रही है. रैयत बलदेव कुंभकार 5 जनवरी 2025 की रात अपनी जमीन पर शौच करने गए थे, लेकिन उनको हाइवा से कुलचकर मार दिया गया. 2 मार्च को राजू भुईंया ओबी डंप के पत्थर की चपेट में आकर मर गए.

विधायक अरूप चटर्जी ने बताया घालमेल का फॉर्मूला

इस मसले को आगे बढ़ाते हुए निरसा से भाकपा माले के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि कोल इंडिया तीन तरीके से माइनिंग करती है. एक है आउटसोर्सिंग मोड, दूसरा है एमडीओ और तीसरा है रेवेन्यू शेयरिंग. एमडीओ और रेवेन्यू शेयरिंग में जमीन खुद खरीदकर माइनिंग करना है. विस्थापन का सेटलमेंट भी कंपनी को करना है. देवप्रभा कंपनी वहां छह माइंस चला रही है. जिस जगह की बात हो रही है वह एमडीओ के दायरे में आता है. फिर भी यह कंपनी रैयतों की जमीन पर ओबी डंप कर रही है.

उन्होंने कहा कि कंपनी को राजनीतिक संरक्षण के साथ-साथ पुलिस, प्रशासन का स्पोर्ट है. रैयत आवाज उठाते हैं तो कंपनी के लठैत तो मारते ही हैं, साथ में पुलिस भी केस करती है. वहां कमर्शियल माइनिंग हो रही है और बदले में कृषि भूमि का रेट दिया जा रहा है. इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. अगर इसका सर्वेक्षण हो तो 1.36 लाख करोड़ से कहीं ज्यादा राज्य को मिलेगा.

मंत्री बोले-मामला है बेहद गंभीर

इस मसले को झामुमो विधायक उमाकांत रजक, मथुरा महतो के अलावा जेएलकेएम के विधायक जयराम महतो ने भी उठाया. उमाकांत रजक ने कहा कि कोयलांचल में रैयतों और विस्थापितों का शोषण हो रहा है. आउटसोर्सिंग कंपनियां हावी हैं. कंपनियों के पास लठैत हैं. मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि यह बोलना कि कंपनी के अधीन वहां की व्यवस्था आ रही है तो यह बेहद गंभीर मसला है. विभाग या सरकार इसको बर्दाश्त नहीं करेगी. आने वाले दिनों में भूमि जांच पड़ताल आयोग भी बनाएंगे. मंत्री ने कहा कि इस मसले पर विधानसभा की समिति का गठन होना बेहद जरूरी है. हर हाल में जांच होनी चाहिए. इस पर स्पीकर ने कहा कि वे मंत्री के मत पर सहमति देते हैं. इसकी सूचना दे दी जाएगी.

Read more

Local News