Saturday, March 29, 2025

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में जदयू विधायक ने दिया स्वास्थ्यमंत्री और विभाग के अफसर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है.

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रांची: जमशेदपुर पश्चिम के जदयू विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने बुधवार को विधानसभा में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सदन में रखा. जिस पर स्पीकर की अनुमति मिलने के बाद सरयू राय ने विधानसभा में अपनी बात भी रखी. उन्होंने कहा कि विधानसभा में सभा-सदस्य के किसी प्रश्न का गलत और गुमराह करने वाला उत्तर देना सदन की अवमानना है. इसके अलावा सदस्य के सही उत्तर जानने के अधिकार का हनन भी है.

21 मार्च 2025 को मेरे प्रश्न का गलत उत्तर दिया- सरयू राय

पूर्व मंत्री एवं जदयू विधायक सरयू राय ने कहा कि 21 मार्च, 2025 को मेरे अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को गुमराह किया और स्वास्थ्य विभाग में सही प्रतिवेदन होने के बावजूद उन्होंने प्रश्न के कंडिका-2 का गलत उत्तर दिया है. सरयू राय के अनुसार, उनका प्रश्न झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव पद पर अनियमित तरीके से नियुक्ति करने के विषय में था, कंडिका-2 में उन्होंने पूछा था कि किसी फार्मासिस्ट का पंजीयन एक ही दुकान के लिए होता है, लेकिन राज्य सरकार ने वैसे व्यक्ति को फार्मेसी काउंसिल का सचिव-सह-निबंधक नियुक्त किया है, जिसका पंजीयन एक से अधिक स्थानों पर है.


सरयू राय के अनुसार, इस बारे में सहायक निदेशक (औषधि), दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल द्वारा निदेशक (औषधि), राज्य औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला, झारखंड को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि उस व्यक्ति का अलग-अलग रजिस्ट्रेशन अलग-अलग स्थानों पर है और जांच में फार्मेसी द्वारा सहयोग नहीं किया गया. इसके अलावा आवश्यक सूचनाएं नहीं दी गईं.

जेडीयू विधायक सरयू राय ने कहा कि उनके प्रश्न के उत्तर में सरकार ने इस तथ्य को छिपाया है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह किया है, इसी कारण से उन्होंने सदन पटल पर उनके प्रश्न का गलत और भ्रामक उत्तर रखा है. सदन में किसी सभा-सदस्य के प्रश्न का गलत और भ्रामक उत्तर देना विधानसभा की अवमानना है और सभा-सदस्य के विशेषाधिकार का हनन है.

सरयू राय ने कहा कि झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम के अनुच्छेद 186 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा गया है, इसके बाद अनुच्छेद- 187, 188, 189 में विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव रखने और स्वीकृति देने की प्रक्रिया का उल्लेख है. यह भी उल्लेख है कि अगर कम से कम 8 विधानसभा सदस्य इस प्रस्ताव के पक्ष में खड़े होते हैं तो विधानसभाध्यक्ष इस प्रस्ताव की स्वीकृति देंगे. विधानसभा में इस प्रस्ताव के पक्ष में भाजपा, जदयू, लोजपा और आजसू के सभी विधायक खड़े हो गए.इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि वे इस प्रस्ताव को देखेंगे और आगे विधिसम्मत कार्रवाई करेंगे.

डॉ इरफान का व्यवहार थोड़ा बचकाना- हेमलाल मुर्मू

राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार सवालों का जवाब नहीं दे रही है. कुछ मंत्री जरूर हैं जो पूरी तैयारी के साथ सदन में नहीं आते हैं. उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को लेकर कहा कि उनका व्यवहार थोड़ा बचकाना होता है.

मंत्रियों को लिखा हुआ उत्तर भी समझ में नहीं आता है- बाबूलाल

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जदयू विधायक सरयू राय द्वारा लाये गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को सही बताते हुए कहा कि इसमें गलत कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि मंत्री सवालों का लिखा हुआ जवाब भी सही से नहीं पड़ पाते.

विशेषाधिकार लाना, हर विधानसभा सदस्य का अधिकार- प्रदीप यादव

विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि सरयू राय ने विशेषाधिकार लाएं हैं, यह हर सदस्य का अधिकार है लेकिन वह नियमानुसार है या नहीं उसे जांचना परखना स्पीकर के हाथों में है.

सरयू राय की बात 200% सही- मेहता शशिभूषण कुशवाहा

भाजपा के पांकी विधायक मेहता शशिभूषण कुशवाहा ने कहा कि वरिष्ठ सदस्य सरयू राय ने विशेषाधिकार का जो प्रस्ताव दिया है वह 100 नहीं बल्कि 200% सही है. जो भी सवाल हम लोग पूछते हैं, उसका घुमा फिरा कर जवाब दिया जाता है. सत्ता पक्ष सिर्फ सदन को गुमराह करने की कोशिश करते रहते हैं.

स्वास्थ्य मंत्री में गंभीरता की कमी- सीपीआई माले विधायक

सीपीआई माले के निरसा से विधायक अरूप चटर्जी ने भी माना कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी में गंभीरता की कमी है. लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि धीरे धीरे उनमें सुधार हो जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री पर हो कार्रवाई- जनार्दन पासवान

लोजपा (आर) के विधायक जनार्दन पासवान ने कहा कि सरयू राय ने जो विशेषाधिकार का प्रस्ताव लाया है वह बिल्कुल ठीक है. इसके लिए जरूरी 08 विधायकों ने सदन में उनके प्रस्ताव का समर्थन भी किया है. अब स्पीकर को इस पर आगे की कार्रवाई करनी चाहिए.

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