जमशेदपुर: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड सरकार की शराब नीति पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि शराब नीति में 700 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. पूर्व सीएम ने कहा है कि 2022 के अगस्त माह में हेमंत सरकार के 32 विधायक रायपुर में ठहरे थे. उसका बिल किसने दिया, शराब माफिया या हेमंत सरकार स्पष्ट करें.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान झारखंड में नई शराब नीति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार ने एक बार फिर माना कि उनके समय बनाई गई नियमावली वर्तमान सरकार द्वारा बनाये गये नियमों की तुलना में ज्यादा राज्यहित और जनहित में थे. उन्होंने कहा कि इसमें राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि उनकी सरकार द्वारा 2018 में बनाई गई नीति ही सर्वश्रेष्ठ रही है.
2018 की शराब नीति से दोगुना राजस्व प्राप्त हुआ: रघुवर दास
पूर्व सीएम ने कहा सरकार ने स्पष्ट माना है कि 2018 की उस नियमावली के लागू होने के बाद राज्य सरकार को शराब से राजस्व में दोगुनी वृद्धि हो गयी थी. पूर्व सीएम ने कहा कि 2018-19 के 1082 करोड़ रुपए के राजस्व की तुलना में 2019-20 में राजस्व दोगुना होकर 2009 करोड़ रुपये हो गया था. लेकिन वर्तमान में राज्य सरकार की शराब नीति राज्य हित में नहीं है. पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि हाल के दिनों मे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह उत्पाद विभाग में रहे अधिकारी शराब घोटाले में होटवार जेल में हैं. उन्होंने कहा कि मामला सौ करोड़ का नहीं, सात सौ करोड़ रुपए के घोटाले का है.
जनजातीय इलाके में शराब को बढ़ावा दे रही हेमंत सरकार: रघुवर दास
पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि नई शराब नीति में जनजातीय इलाकों में शराब दुकान खोलने और रात 11 बजे तक बिक्री की बात कही है. जिसका जनजातीय समुदाय और कई सामजिक संगठन विरोध कर रहे हैं, जो सही है. उन्होंने कहा कि जब सरकार कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण इलाके में ज्यादा शराब की दुकान खोलने की नीति पास कर चुकी है. ऐसे में TAC की बैठक करने की क्या जरूरत है. पूर्व सीएम ने कहा कि झारखंड के सर्वमान्य गुरूजी शिबू सोरेन साहूकार और शराब विरोधी थे. लेकिन उनके सुपुत्र हेमंत सोरेन की सरकार जनजातीय इलाके में अब शराब को बढ़ावा दे रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगस्त 2022 में जो विधायक छत्तीसगढ़ में ठहरे थे, उस समय होटल का भुगतान किसने किया है. पूर्व सीएम ने कहा कि उसी साल छत्तीसगढ़ के शराब माफिया की नीति झारखंड में लागू हुई थी. उन्होंने कहा कि अभी पांच दिन पूर्व वहां की सरकार इस मामले की जांच CBI से करवा रही है. उन्होंने मीडिया के माध्यम से CBI से अपील की है कि होटल के बिल की भी जांच हो कि भुगतान किसने किया था.