रांचीः झारखंड विधानसभा में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही सूचना के तहत भाजपा विधायक सीपी सिंह ने विधि व्यवस्था का मामला उठाया.
उन्होंने कहा कि “किसी व्यक्ति का जीना दुभर हो गया है. सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही. यहां का डीजीपी इतना बेशर्म है कि कहता है कि जो भी घटनाएं हो रही है उसकी प्लानिंग जेल से हो रही है. क्या जेल झारखंड से बाहर है? अगर प्लानिंग जेल से हो रही है तो फिर उद्भेदन क्यों नहीं किया जा रहा. रिमांड पर लेकर पूछताछ करनी चाहिए. किसी का जीवन सुरक्षित नहीं, चाहे विधायक हों, मंत्री हो या फिर जनता. इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए”.

दरअसल, आज ही विधानसभा परिसर में राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जेल के अंदर बंद अपराधियों से सभी अपराध के तार जुड़े हैं. कुछ अपराधियों का जेल ट्रांसफर भी किया गया. उन्होंने गैंगस्टर विकास तिवारी, अमन साहू और अमन श्रीवास्तव का नाम लेकर भरोसा दिलाया कि जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा.
बता दें कि झारखंड सरकार के संकल्प देना एक के बाद एक तीन बड़ी आपराधिक घटनाएं हुई हैं. हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली है. इस घटना के बाद पुलिस सवालों के घेरे में है. हालांकि रांची के आश्रम में हुए डबल मर्डर केस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि रांची में कोयला कारोबारी पर जानलेवा हमला मामले में डीजीपी कह चुके हैं कि अपराधियों की पहचान हो गई है. एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है.