Tuesday, May 6, 2025

‘झारखंड खैनी’ से जुड़े कारोबारियों के ठिकानों पर 30 घंटे तक चली छापामारी, हो सकते हैं कई चौंकाने वाले खुलासे

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झारखंड में खैनी कारोबारी नितिन प्रकाश और पंकज चिरानिया के ठिकानों पर जीएसटी इंटेलिजेंस ने छापा मारा। यह छापेमारी डीजीजीआई के निर्देश पर हुई जिसमें करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी का संदेह है। टीमों ने कई दस्तावेजों की जांच की और कारोबारियों से पूछताछ की। माना जा रहा है कि इस हेराफेरी से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। जांच अभी जारी है।

चाईबासा। झारखंड सरकार में राजस्व एवं परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के करीबी झारखंड खैनी के मालिक नितिन प्रकाश, पंकज चिरानियां और डिस्ट्रीब्यूटर पिंटू अग्रवाल के ठिकानों पर जीएसटी इंटेलिजेंस का छापा देर शाम तक जारी रहा।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) के एडीजी आशीष कुमार मिश्रा के निर्देश पर यह छापेमारी की जा रही है।

डीजीजीआई के पश्चिमी बंगाल के दुर्गापुर स्थित रिजनल यूनिट को खैनी के कारोबार में करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी किये जाने की सूचना मिली थी।

अलग-अलग टीमों ने बोला धावा

इसके बाद संयुक्त निदेशक दुर्गेश तिवारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर दुर्गापुर से पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित झारखंड खैनी के मालिक नितिन प्रकाश और पार्टनर पंकज चिरानिया के आवास, कार्यालय और फैक्ट्री में शुक्रवार को दोपहर तीन बजे के बाद अलग-अलग टीमों ने एक साथ धावा बोला।

इसमें जमशेदपुर जीएसटी ऑफिस के लगभग एक दर्जन इंस्पेक्टर की मदद ली गयी। छापेमारी के दौरान किसी तरह की विपरित परिस्थितियों को संभालने के लिए सीआरपीएफ के जवानों को भी टीम साथ लेकर पहुंची

टीमों ने गुरुवार की रात लगभग 12 बजे तक कारोबार से संबंधित दस्तावेजों को खंगाला। इसके उपरांत शुक्रवार को झारखंड खैनी के डिस्ट्रीब्यूटर पिंटू अग्रवाल के नीमडीह स्थित आवास और कार्यालय में भी छापेमारी के लिए टीम पहुंची।

दिनभर की जांच

शुक्रवार को जीएसटी अधिकारियों ने दिन भर जांच की। नितिन प्रकाश के न्यू कॉलोनी नीमडीह स्थित आवास में शुक्रवार की दोपहर लगभग दो बजे जांच पूरी की।

इसके बाद जमशेदपुर से आयी टीम वापस लौट गयी, जबकि दुर्गापुर की टीम देर शाम तक कंपनी के सदर बाजार के खिरवाल मार्केट स्थित कार्यालय में डटी हुई थी।

इस संबंध में पूछे जाने पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हमारी दुर्गापुर यूनिट को गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड खैनी का करोड़ों रुपये का कच्चा कारोबार किया जा रहा है। इससे सरकार को बड़े राजस्व का नुकसान हो रहा है।

इस सूचना को सत्यापित करने के लिए झारखंड खैनी से जुड़े चाईबासा, बंगाल और ओडिशा में कारोबार की पड़ताल की जा रही है।

इस क्रम में खैनी का स्टाक, उससे संबंधित कागजात, पिछले पांच साल में हुए लेन-देन से जुड़े दस्तावेजों को देखा गया है। दोनों पार्टनर नितिन प्रकाश और पंकज चिरानिया से भी पूछताछ की जा रही है।

सभी जगहों की टीमों के लौटने के उपरांत पूरा मिलान किया जायेगा। इसके बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि कितने रुपये की जीएसटी की हेराफेरी संंबंधित लोगों ने की है।

इसमें दो दिन का समय लगेगा। सोमवार को मुख्यालय में रिपोर्ट सौंपने के बाद ही सारी स्थितियों को स्पष्ट किया जायेगा।

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