Thursday, June 5, 2025

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को मई महीने का वेतन नहीं मिला है. जानिए इसके पीछे की वजह.

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रांची: काम करने के बावजूद डीजीपी अनुराग गुप्ता को मई माह का वेतन नहीं मिला है. क्योंकि उनके कार्यालय के अकाउंटेंट द्वारा मई माह के वेतन भुगतान से जुड़ा बिल ट्रेजरी को भेजा ही नहीं गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने वजह जानने के लिए रांची के प्रधान महालेखाकार कार्यालय से संपर्क किया तो बताया गया कि उनके रिकॉर्ड में डीजीपी अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इसलिए संबंधित विभाग को उनके जीरो पे-स्लिप की जानकारी दे गई थी.

दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल को ही राज्य की मुख्य सचिव को पत्र के जरिए सूचित कर दिया था कि 30 अप्रैल को आईपीएस अनुराग गुप्ता सेवानिवृत्त हो जाएंगे, लेकिन राज्य सरकार के स्तर पर कहा गया कि उनका सेवा विस्तार हो चुका है, जबकि केंद्र सरकार यह मानने को तैयार नहीं है.

इस घटना ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव रहे अलपन बंदोपाध्याय प्रकरण की याद ताजा कर दी है. अंतर बस इतना है कि अलपन बंदोपाध्याय की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति कर दी गई थी, जबकि सीएम ममता बनर्जी का कहना था कि राज्य सरकार की सहमति के बिना किसी अफसर को दूसरी जगह प्रतिनियुक्त नहीं किया जा सकता है.

केंद्र और राज्य सरकार में टकराव के बीच अलपन ने पद और सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया था. तब सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया था.

राज्य में आईएएस-आईपीएस की कैसे बनती है सैलरी

किसी भी आईएएस या आईपीएस की पोस्टिंग होने पर उनके सेवा की जानकारी राज्य के प्रधान महालेखाकार ऑफिस को दी जाती है. उसी आधार पर एजी ऑफिस से संबंधित अफसर का पे-स्लिप बनता है.

इसकी एक कॉपी संबंधित अधिकारी और दूसरी कॉपी संबंधित कार्यालय को प्रेषित की जाती है, बाद में कार्यालय का अकाउंटेंट सभी अफसरों के पे-स्लिप का डाटा तैयार कर ट्रेजरी को मुहैया कराता है. इसी आधार पर बैंक खाता में सैलरी आती है.

झारखंड में तैनात आईएएस और आईपीएस अफसरों की मई माह की सैलरी 1 जून को उनके खाते में आ चुकी है, लेकिन डीजीपी अनुराग गुप्ता की सैलरी इसलिए नहीं बनी, क्योंकि एजी ऑफिस के खाते में उनको 30 अप्रैल को ही सेवानिवृत्त माना जा चुका है.

इसमें खास बात है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव रहे अलपन बंदोपाध्याय की सेवा अवधि बची हुई थी, लेकिन वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं जाना चाह रहे थे. इस वजह से उनको पद और सेवा से इस्तीफा देना पड़ा था. एजी ऑफिस का कहना है कि राज्य सरकार के स्तर से अनुराग गुप्ता के सेवानिवृत्ति की भी जानकारी नहीं दी गई है. इस वजह से उनके पेंशन और बकाया भुगतान की प्रक्रिया भी अटकी पड़ी है.

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