रांची: राज्य में संचालित 80 उत्कृष्ट विद्यालय एवं 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता बनाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने दिशा निर्देश जारी किया है. इसके तहत इन स्कूलों के शिक्षकों को लगातार 3 दिन लेट पहुंचने पर एक दिन की आकस्मिक छुट्टी कट जायेगी. शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह के हस्ताक्षर से जारी दिशा निर्देश में स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बनाने के लिए कई तरह के निर्देश दिए गए हैं.
जारी दिशा निर्देश के तहत स्कूलों में प्रातः कालीन प्रार्थना सभा के अंत में बच्चों को मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने, सड़क सुरक्षा पर्यावरण और समसामयिक विषयों की जानकारी देकर जागरूक करने का काम किया जाएगा. साथ ही सीबीएसई और जैक के गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों में विद्यार्थियों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनुवार्य किया गया है. अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को उसे विद्यालय के प्राचार्य के द्वारा चिट्ठी भेजी जाएगी. इसके अलावे क्लास मॉनिटर, बाल संसद और उच्च वर्ग में पढ़ने वाले छात्रों के द्वारा अनुपस्थित रहने वाले बच्चों को उपस्थिति हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा.

छात्रों के खराब परीक्षा परिणाम के लिए स्कूल जिम्मेदारशिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार छात्रों के खराब परीक्षा परिणाम की संपूर्ण जवाबदेही प्रधानाचार्य और संबंधित विषयों के शिक्षक पर होगी. 20 प्रतिशत से अधिक असफल विद्यार्थी पाए जाने की स्थिति में संबंधित प्रधानाध्यापक एवं उस विषय के शिक्षकों पर विभागीय एवं अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्कूल की समय सारणी और शिक्षकों की समय सारणी बनाने की जवाब देही प्रधानाध्यापक की होगी.
शिक्षा विभाग के अनुसार समय सारणी में सभी शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित हो. इसके अलावे हर महीने के प्रथम और द्वितीय शनिवार को हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत की व्याकरण और गणित विज्ञान की एक-एक घंटी विशेष रूप से आयोजित की जाएगी और छात्रों में सम्यक विकास हेतु क्विज हैंड राइटिंग कंपटीशन, कल्चरल एक्टिविटीज आदि आयोजित की जाएगी.