ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की चाल और गोचर समय-समय पर हमारे जीवन पर व्यापक असर डालते हैं. लेकिन कुछ गोचर इतने विशेष होते हैं कि उनका प्रभाव दीर्घकालिक और गहरा होता है. जून-जुलाई 2025 में ऐसा ही एक दुर्लभ ग्रह संयोग बनने जा रहा है, जो पिछले 500 वर्षों में पहली बार देखने को मिलेगा. यह संयोग गुरु (बृहस्पति) के अस्त होने, फिर उदय होने और शनि के वक्री होने से जुड़ा है. इस महासंयोग का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन विशेष रूप से वृषभ, मिथुन और धनु राशि वालों को इसका बड़ा लाभ मिलने वाला है. जानते हैं
कब बन रहा है यह महासंयोग?
- गुरु अस्त होंगे: 11 जून 2025 को शाम 7:56 बजे
- गुरु उदय होंगे: 9 जुलाई 2025 को सुबह 4:44 बजे
- शनि वक्री होंगे: 13 जुलाई 2025 को सुबह 9:36 बजे से 28 नवंबर 2025 तक
इस दौरान गुरु और शनि की खास स्थिति एक शुभ ग्रह योग बनाएगी, जिससे कुछ राशियों को करियर, धन, रिश्ते और स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी सफलताएं मिल सकती हैं.
इन राशियों पर बरसेगी ग्रहों की विशेष कृपा
वृषभ राशि (Taurus): इस समय वृषभ राशि के जातकों के लिए करियर और परीक्षा से जुड़ी सफलता के संकेत हैं. जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह समय बेहद अनुकूल रहेगा. नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन और वेतन वृद्धि मिलने की संभावना है. इसके अलावा निवेश और आय के नए स्रोत भी खुल सकते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी. वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ेगा, और यात्रा के योग भी बन रहे हैं.
मिथुन राशि (Gemini): मिथुन राशि वालों के लिए यह समय नई शुरुआत के लिए आदर्श रहेगा. जो लोग नौकरी में बदलाव चाहते हैं या नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उन्हें सफलता मिलेगी. बेरोजगार युवाओं को रोजगार के बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं. पारिवारिक जीवन में ख़ुशियाँ और आनंद बढ़ेगा. किसी शुभ कार्य का आयोजन होने के संकेत हैं. साथ ही, यात्रा के योग भी बन रहे हैं.
धनु राशि (Sagittarius): धनु राशि के जातकों पर गुरु की विशेष दृष्टि रहती है, और इस बार गुरु के उदय से उन्हें वित्तीय और पारिवारिक लाभ प्राप्त हो सकता है. जो लोग प्रॉपर्टी, रियल एस्टेट या ज़मीन से जुड़े व्यवसाय में हैं, उनके लिए यह समय मुनाफेदार रहेगा. कुंवारे जातकों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं. पुराने निवेशों से लाभ मिलेगा और जीवन में स्थिरता आएगी.
इस संयोग का क्या करें लाभ?
- इस समय ध्यान, पूजा, और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेने से ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलेगा.
- गुरु और शनि की शांति के लिए ऊँ बृहस्पतये नमः और ऊँ शं शनैश्चराय नमः का जप करें.
- ज़रूरतमंदों को दान देना और संयमित आचरण रखना विशेष फलदायक रहेगा.


