भारत सरकार से जीवन बीमा को लेकर किए गए बदलावों को वापस लेने की मांग कर रहे LIC एजेंटों ने राहुल गांधी से मुलाकात की.
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को संसद भवन परिसर स्थित अपने कार्यालय में एलआईसी एजेंटों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने एलआईसी के नियमों में हाल के बदलावों पर चिंता जताई. नए बदलावों से सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए बीमा कम किफायती हो गया है और एलआईसी एजेंटों की स्थिति कमजोर हो गई है.
दिल्ली के रामलीला मैदान में हाल ही में एलआईसी एजेंटों ने प्रदर्शन किया और सरकार से जीवन बीमा को लेकर किए गए बदलाव को वापस लेने की मांग की. देश भर से आए यूनाइटेड फोरम ऑफ एलआईसी एजेंट्स के हजारों प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन में भाग लिया.
एलआईसी एजेंटों के प्रतिनिधियों ने राहुल गांधी को अपनी समस्याओं से अवगत कराया. उनका कहना है कि भारत सरकार के अन्यायपूर्ण रवैये के चलते उनका रोजमर्रा का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.

राहुल गांधी ने कहा कि एलआईसी की स्थापना 1956 में सभी भारतीयों को किफायती बीमा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह एलआईसी के समावेशी दृष्टिकोण की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.
नए बदलावों से LIC एजेंटों की स्थिति कमजोर हुई
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक पोस्ट में कहा, “मैंने संसद भवन में देश भर से आए एलआईसी एजेंटों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. उन्होंने हाल ही में आईआरडीएआई और एलआईसी द्वारा नियमों में किए गए बदलावों को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में खुलकर बात की, क्योंकि नए बदलावों से एलआईसी एजेंटों की स्थिति कमजोर हो गई है. साथ ही सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए बीमा कम किफायती हो गया है.”

कांग्रेस सांसद ने कहा, “जब 1956 में एलआईसी का गठन किया गया था, तो इसका उद्देश्य सभी भारतीयों को किफायती बीमा उपलब्ध कराना था, खासकर उन सबसे गरीब लोगों को जिनके पास कोई अन्य सामाजिक सुरक्षा नहीं थी. मैं यह मुद्दा उठाऊंगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एलआईसी के समावेशी दृष्टिकोण की रक्षा हो.”
मजदूरों के अधिकारों की रक्षा का संकल्प
वहीं, राहुल गांधी ने बुधवार को विभिन्न निर्माण मजदूरों के संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया. उन्होंने बताया कि मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें देश में मजदूरों की बेहद खराब स्थिति से अवगत कराया, जो कई समस्याओं से जूझ रहे हैं.
अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि भारत के मजदूरों ने देश के विकास में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन आज वे कम दैनिक मजदूरी, स्वास्थ्य सेवा की कमी, आर्थिक असुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मजदूरों की भलाई के लिए बनाए गए कानूनों पर अमल नहीं हो पा रहा है. वह मजदूरों के अधिकारों की रक्षा और उनकी समृद्धि के लिए आवाज उठाते रहेंगे.