Saturday, February 22, 2025

‘जितेंद्र सिंह त्यागी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें’, श्रीनगर की अदालत का आदेश

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मामला 2021 में जितेंद्र सिंह त्यागी द्वारा इस्लाम पर की गई टिप्पणियों से जुड़ा है. उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है.

Remarks against Islam Srinagar Court Orders Arrest of Jitendra Narayan Singh Tyagi aka Waseem Rizvi

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की एक अदालत ने श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम गठित करने और 25 अप्रैल, 2025 को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. जितेंद्र त्यागी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के बार-बार प्रयास विफल होने के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया.

श्रीनगर के द्वितीय अतिरिक्त मुंसिफ विकास भारद्वाज ने 20 फरवरी को यह आदेश पारित किया, क्योंकि कई प्रयासों के बावजूद आरोपी को अदालत में पेश नहीं किया जा सका.

यह मामला 2021 में लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान त्यागी द्वारा इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणियों से जुड़ा है. शिकायत में उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153A, 295A और 505 का हवाला देते हुए धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

श्रीनगर के रहने वाले दानिश हसन डार की तरफ से दायर शिकायत के जवाब में, अदालत ने पाया कि त्यागी कई समन, वारंट और गैर-जमानती वारंट के बावजूद अदालत में पेश होने में विफल रहे. अदालत ने कहा, “आरोपी पेश नहीं हुआ. कई प्रयासों के बावजूद आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं की जा सकी. इसलिए आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए, संबंधित एसएसपी को आरोपी को गिरफ्तार करने और अगली सुनवाई की तारीख तक उसे इस अदालत में पेश करने के लिए एक टीम गठित करने का निर्देश दिया जाता है.”

अदालत ने कहा, “इस आदेश की एक कॉपी संबंधित एसएसपी को इसके अनुपालन के लिए भेजी जाए.”

इस बीच, ईटीवी भारत से बात करते हुए शिकायतकर्ता के वकील आमिर मसूदी ने कहा कि मामला 28 दिसंबर, 2021 को शुरू हुआ और पहली सुनवाई 1 फरवरी, 2022 को हुई. तब से, आरोपी को अदालत में लाने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन विफल रहे हैं.

25 जुलाई, 2023 को तत्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट एहतजाज अहमद ने शिकायतकर्ता की इस शिकायत को स्वीकार किया था कि आरोपी दो साल से अधिक समय से अदालती कार्यवाही से बच रहा है. अदालत ने कहा था, “मामले के रिकॉर्ड की समीक्षा से पता चलता है कि आरोपी के खिलाफ 9 फरवरी, 2022 को आईपीसी की धारा 153A, 295A और 505 के तहत कार्यवाही जारी की गई थी, फिर भी उसे पेश नहीं किया गया.”

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष त्यागी ने हिंदू धर्म अपना लिया और अपना वर्तमान नाम अपना लिया. उन्होंने पहले कुरान से कुछ आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके कारण उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गईं.

इसके अलावा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की बिक्री और हस्तांतरण में कथित अनियमितताओं को लेकर त्यागी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं.

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