Saturday, March 15, 2025

जल्द ही शुरू होगा बिहार का चौथा एयरपोर्ट, झारखंड और बंगाल के लोगों को भी मिलेगा फायदा

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पूर्णिया हवाई अड्डा शुरू होने के बाद यह बिहार का चौथा ऑपरेशनल एयरपोर्ट बन जाएगा. अभी पटना, गया और दरभंगा से विमानों का संचालन हो रहा है.

  • पूर्णिया एयरपोर्ट के रूप में बिहार को जल्द ही उसका चौथा एयरपोर्ट मिलने जा रहा है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पूर्णिया एयरपोर्ट का काम तेजी से चल रहा है और जुलाई से पहले इसका काम पूरा कर लिया जाएगा. वही इस एयरपोर्ट के बनने के बाद इसका लाभ न सिर्फ सीमांचल क्षेत्र के लोगों को होगी. बल्कि झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ ही इसका लाभ नेपाल के लोगों को भी होगी. बता दें कि बिहार में फिलहाल  पटना, गया और दरभंगा में ही हवाई सेवा की सुविधा है. 

33 करोड़ की लागत से बन रहा एयरपोर्ट का टर्मिनल 

पूर्व में जारी टेंडर के मुताबिक पूर्णिया एयरपोर्ट पर 45 करोड़ रुपये की लागत से अंतरिम टर्मिनल भवन बनाया जाना है. हालांकि, फरवरी महीने में टेंडर लगभग 33 करोड़ में ही फाइनल हुआ था. टेंडर अलार्ट होने के बाद 3 से 4 महीने में इसके निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. पूर्णिया हवाई अड्डा शुरू होने के बाद यह बिहार का चौथा ऑपरेशनल एयरपोर्ट बन जाएगा.  अभी पटना, गया और दरभंगा से विमानों का संचालन हो रहा है.  

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बिहार के इन शहरों में भी बनेंगे एयरपोर्ट

पटना के पास बिहटा में नय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा” बनाया जा रहा है, पीएम मोदी अगले महीने इसका शिलान्यास कर सकते हैं. इसके अलावा नालंदा के राजगीर, पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल और भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की योजना है. ये तीनों एयरपोर्ट बिल्कुल नए तरीके से विकसित होंगे. इसके अलावा, आने वाले समय में सुपौल के बीरपुर, मधुबनी, सहरसा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, मुंगेर और पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में छोटे एयरपोर्ट शुरू किए जाएंगे. यहां से छोटे 19 सीटर वाले विमानों का संचालन किया जा सकेगा.

डिप्टी सीएम ने विधानसभा में किया था ऐलान 

बिहार विधानसभा में 3 मार्च को बजट भाषण के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दावा किया था कि पूर्णिया हवाई अड्डा से अगले तीन महीने में विमान उड़ान भरने लगेंगे. यानी कि जून-जुलाई 2025 से यहां से विमानों का संचालन शुरू होने की संभावना है. हालांकि, अभी पूर्णिया एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन और अन्य सुविधाएं विकसित करने का काम बाकी है.

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