देश में आखिरी बार जनगणना साल 2011 में हुई थी. इसके बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया. अब सरकार ने फैसला किया है कि अगले साल अक्टूबर से जनगणना का पहला चरण शुरू होगा, और मार्च 2027 में इसका दूसरा चरण चलेगा. जनगणना की यह प्रक्रिया देश के विकास, योजना और संसाधनों के उचित वितरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है.
लेकिन जनगणना के नाम पर कुछ धोखेबाज सक्रिय हो गए हैं जो लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं. ये लोग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर जनगणना से जुड़ी जानकारी मांगते हैं, लेकिन उनका मकसद सिर्फ धोखाधड़ी करना होता है. वे आपकी बैंक डिटेल्स, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य निजी जानकारियां हासिल करने की कोशिश करते हैं. इसके बाद इन जानकारियों का गलत इस्तेमाल करके आपके पैसे या आपकी पहचान से खिलवाड़ किया जाता है.
यह जरूरी है कि आप इस तरह के किसी भी कॉल या व्यक्ति से सतर्क रहें. सरकारी अधिकारी कभी भी आपसे फोन पर OTP, बैंक अकाउंट की डिटेल्स या कोई संवेदनशील जानकारी मांगेंगे नहीं. जनगणना के लिए ऐसी कोई भी जानकारी आपकी सुरक्षा के लिए आवश्यक नहीं होती. इसलिए अगर कोई आपसे इस तरह की जानकारी मांगे, तो उसे नकार दें और उसके बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचना दें.
यदि आपको किसी भी नंबर से या मेल के जरिए इस तरह की मांग की जाती है, तो आप तुरंत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. यह आपकी सुरक्षा का सबसे सही माध्यम है. अपने और अपने परिवार के लोगों को इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने के लिए जागरूक करना बेहद जरूरी है.
जनगणना एक सरकारी प्रक्रिया है, और इसे पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ पूरा किया जाता है. इसलिए किसी भी तरह की गलत सूचना या धोखाधड़ी को नजरअंदाज न करें और सतर्क रहकर अपने अधिकारों की रक्षा करें.