देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर में रविवार से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि को लेकर मंदिर न्यास समिति और जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. आज अमावस्या होने के कारण सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस बार चैत्र नवरात्रि में मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
चैत्र नवरात्रि में श्रद्धालुओं को मां की पूजा-अर्चना करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका विशेष ख्याल मंदिर न्यास समिति और जिला पुलिस प्रशासन की ओर से रखा जा रहा है. साथ ही इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं. देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर में चैत्र नवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. आज अमावस्या है और कल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाएगी.
पूरे साल में चार नवरात्रि होती हैं, जिसमें दो नवरात्रि गुप्त नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि के अवसर पर मां की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्त मां की पूजा-अर्चना करने मां छिन्नमस्तिका मंदिर पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना कर मां का आशीर्वाद लेते हैं.
नवरात्रि में श्रद्धालु कलश स्थापित कर मां की पूजा-अर्चना करते हैं. मां छिन्नमस्तिका की पूजा-अर्चना करने के लिए झारखंड ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालु रजरप्पा मंदिर आते हैं और मां की आराधना करते हैं. आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमावस्या पर पूजा-अर्चना करने मंदिर पहुंचे.
मंदिर के वरिष्ठ पुजारी सुभाशीष पंडा ने बताया कि मां के मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. मंदिर परिसर के चारों तरफ शेड लगाए गए हैं ताकि भक्तों को चिलचिलाती धूप में भी किसी प्रकार की परेशानी न हो. दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था की गई है और सभी हवन कुंडों की सफाई की गई है ताकि यहां आने वाले भक्त और श्रद्धालु पूजा हवन कर सकें. मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाएगा. इस बार माता दुर्गा का आगमन गज यानी हाथी पर हो रहा है, इसे बहुत ही शुभ माना जाता है और लोगों के घरों में सुख-समृद्धि आएगी.