राजद नेता तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर आईजीआईएमएस में बेड बेचने का आरोप लगाया। उन्होंने चिराग पासवान को पद का लोभी बताते हुए कहा कि वे सरकार में रहकर भी पत्र लिख रहे हैं। तेजस्वी ने महागठबंधन सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जिसमें सेवानिवृत्त डॉक्टरों की पुनर्नियुक्ति और पीएमसीएच में भ्रष्टाचार शामिल हैं।
पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को अमंगल बताने से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव उनके पीए पर आईजीआइएमएस में बेड बेचने का आरोप लगा चुके थे। यह आरोप वे मुजफ्फरपुर कांड के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाते हुए लगाए। पटना वापसी पर प्रेस-वार्ता कर मंगल पांडेय को अमंगल बताया और पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत के विरुद्ध हुई कार्रवाई को दिखावटी बताया।
इसी के साथ एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को पद का लोभी करार दिया। कहा कि ये लोग एनडीए और सरकार में हैं। उसके बावजूद इन्हें सरकार को पत्र लिखना पड़ रहा। इससे बेहतर है कि सरकार से बाहर हो जाएं, लेकिन ये ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि ये लोभी लोग हैं।
तेजस्वी ने आगे कहा, गिरगिट जैसे रंग बदलने और घड़ियाली आंसू बहाने वाले। पार्टी का विघटन और परिवार में फूट कराने वालोंं को भूल गए। अपने पिता के अपमान को भूल गए। चिरागजी! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपके पत्र का उत्तर नहीं देने वाले। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर कांड के संदर्भ में चिराग ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख न्यायिक जांच की मांग की है।
सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए तेजस्वी ने महागठबंधन शासन-काल की अपनी उपलब्धियां गिनाईं और अपना बखान जी भर किए। हम रेफरल पालिसी लाए थे, क्या उसका अनुपालन हो रहा। जिलों से अति गंभीर स्थिति में ही मरीजों को रेफर करने की बात थी। मुजफ्फरपुर से पटना तक की प्रक्रिया में चार-पांच घंटे लगे, उसी कारण लड़की की मृत्यु हो गई। बिहार मेंं भ्रष्ट और सेवानिवृत्त लोगों का काकस चल रहा। अपराध चौतरफा है।
तेजस्वी ने कहा कि छह सितंबर, 2022 को मैंने पीएमसीएच में औचक निरीक्षण किया था। कोताहियों पर डाक्टर अभिजीत को हटाया। उनकी जगह डॉ. सरफराज को तैनात किया। हमारी सरकार जाने के बाद मंगल पांडेय फिर अभिजीत को लाए, जो लापरवाह हैं। उन्हें इसलिए लाया गया, क्योंकि वे पूर्णतया आरएसएस के व्यक्ति हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि कल की कार्रवाई लीपापोती और अस्पताल अधीक्षक को बचाने के लिए हुई है। यह मामला ठंडा हो जाने पर अभिजीत फिर लाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग में रैकेट है। सेवानिवृत्त डाक्टर प्रतिनियुक्त हो रहे। ठाकुर को सेवानिवृत्ति के बाद प्रतिनियुक्त किस कारण किया गया। आखिर इनमें क्या खूबी है।
दरअसल, जब तक पीएमसीएच में 5000 करोड़ की बिल्डिंग बनती रहेगी, किसी की मजाल नहीं कि उन्हें बदल सके। बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है। निर्मम, निकम्मी और नकारा सरकार संवेदन-शून्य हो चुकी है।