Sunday, May 4, 2025

चाय पिलाकर कर्जदार हुआ चायवाला, सवा लाख की चाय गटक गए नेता और अफसर

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नालंदा में जिला परिषद कार्यालय में आने वाले नेताओं को चाय पिलाकर चाय वाला ही कर्ज में डूब गया है. अफसर और नेता मिलकर 2 साल में चाय वाले से सवा लाख रुपये की चाय पी चुके हैं लेकिन उसके पैसे अभी तक नहीं दिये हैं.

Bihar News: नालंदा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक चायवाला कर्ज डूब गया है. चाय वाले के कर्जदार बनने का कारण उसकी कोई मजबूरी या निजी कार्य नहीं है बल्कि सरकार से मोटी रकम लेने वाले बड़े-बड़े अधिकारा हैं. इन अधिकारियों ने दो सालों में इस चाय वाले से सवा लाख रुपये की चाय पी ली है.

24 महीनों से नहीं मिले चाय के पैसे

चाय दुकानदार कारू राम पिछले 24 महीनों से अपने मेहनताना के इंतजार में है. कारू नालंदा के जिला परिषद कार्यालय के बाहर चाय की दुकान लगाते हैं. यहां वह अधिकारियों और जिला परिषद कार्यालय में आने वाले नेताओं को चाय पिलाते हैं.

अधिकारियों ने चायवाले को बनाया कर्जदार

पीड़ित चाय वाले कारू राम ने कहा कि मैंने विश्वास करके चाय पिलाई, लेकिन अब हाल यह है कि उधार लेकर चाय बना रहा हूं. कब मिलेगा पैसा, ये खुद मुझे नहीं पता है. उसने आगे बताया कि बीते दो वर्षों में मैंने लगभग 1 लाख 25 हजार रुपए की चाय अधिकारियों और नेताओं को पिलाई है. इस चाय का भुगतान नहीं तक नहीं हुआ है. यह बकाया न केवल पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष, बल्कि वर्तमान कार्यकाल के दौरान भी जमा हो गया है.

कारू राम का चाय बेचना पुश्तैनी काम

कारू राम के दादा और परदादा भी नालंदा जिला परिषद कार्यालय में चाय बेचते थे, इसलिए उन्होंने ने भी अपने पुश्तैनी काम को नहीं छोड़ा और इसी परिसर में चाय बेचने लगे. आज वो खुद कई वर्षों से जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों और अधिकारियों को चाय परोसते आ रहे हैं.

समस्या समाधान का मिला आश्वासन

जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी का कहना है कि मैं स्वीकार करती हूं कि परिषद में ना केवल चाय विक्रेता, बल्कि कई अन्य सेवाप्रदाता भी भुगतान की प्रतीक्षा में हैं. वास्तव में भुगतान लंबित है. ये प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी का परिणाम है. हम जल्द हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं.

कर्ज लेकर अपनी दुकान चला रहे कारू राम

अपने परिवार का पेट पालने के लिए चाय दुकानदार कारू राम कर्ज लेकर चाय बना रहे हैं. साथ ही 1 लाख 25 हजार रुपए की उधारी वापसी का भी इंतजार कर रहे हैं.

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