Thursday, May 1, 2025

गैंगस्टर अमन साहू के मारे जाने के बाद जेल के अंदर से चल रही आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगी है.

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रांचीः कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद झारखंड के जेलों से चल रहे गैंग्स की गतिविधियों पर एक हद तक ब्रेक लग गया है. वहीं दूसरी तरफ जेल में बंद कुख्यात भी अमन के मारे जाने के बाद भारी दहशत में है.

अमन का एनकाउंटर बड़े अपराधियों के लिए सबक है

हमारा मकसद किसी अपराधी का एनकाउंटर करना कभी नहीं रहा है. लेकिन अगर कोई अपराधी पुलिस पर बम चलाएगा, गोली चलाएगा तो उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. अमन साहू के मारे जाने के बाद जेल के अंदर बैठ कर अपनी सल्तनत चलाने वाले गैंग्सटर्स के लिए ये एक बड़ा सबक है. ये बातें राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने जेल के अंदर बैठ कर आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाने वाले अपराधियों को लेकर कही, डीजीपी के अनुसार जेल से चलने वाली आपराधिक गतिविधि अमन के एनकाउंटर के बाद काफी हद तक कम हो गई है.

अपराधियों के बीच खौफ

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि अमन साहू के मारे जाने के बाद दो फायदा हुआ. पहला की एक बड़ा अपराधी मारा गया, जबकि दूसरा हर अपराधी के मन मे खौफ पैदा हो गया है. खासकर वैसे अपराधी जो जेल में बंद है वे ज्यादा सहमे हुए, उन्हें अब यह पता चल चुका है कि उनका भी अंजाम अमन साहू के जैसे हो सकता है. इसी वजह से बड़े गैंग्स की सक्रियता पर भी ब्रेक लगा है.

जेल बना है सेफ हाउस, उस नेटवर्क को नष्ट करना है

आपको बता दें कि झारखंड के अधिकांश बड़े अपराधी विभिन्न जेलों में बंद है, लेकिन उनलोगों ने जेल को ही सेफ हाउस के रूप में तब्दील कर लिया है और वहां से ही घटनाओं को अंजाम दिलवाते हैं, लेकिन ऐसे तमाम बड़े अपराधियों की लगातार जेल शिफ्टिंग की जा रही है. चुकि अमन साहू भी जेल शिफ्ट के दौरान ही मारा गया था ऐसे में तमाम बड़े अपराधी जो जेल में बंद हैं वे खौफ में हैं. डीजीपी ने बताया कि हम अपराधियों के जेल नेटवर्क को ध्वस्त करने में लगे हैं. इसके लिए लगातार जेलों में रेड भी किया जा रहा है.

बड़े अपराधियो को किया जा रहा है इधर उधर

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि झारखंड के दुर्दांत अपराधियों को एक जेल से दूसरे जेल में लगातार शिफ्ट किया जा रहा है. किसी को भी एक जेल में ज्यादा दिनों तक रहने नहीं दिया जा रहा है. खासकर विकास तिवारी, अमन श्रीवास्तव और सुजीत सिन्हा जैसे अपराधियो पर विशेष फोकस किया जा रहा है.

कौन कौन से गैंग है रडार पर

झारखंड में फिलहाल आठ से दस संगठित आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं, जिनमें से अधिकांश के गैंग लीडर जेल में बंद हैं. कुछ फरार हैं जबकि कुछ के गैंगवार में मारे जाने के बाद भी उनके गिरोह को उनके परिवार के सदस्य या फिर उनके बेहद करीबी रहे गिरोह का संचालन कर रहे हैं. जो प्रमुख गैंगस्टर्स सलाखों के पीछे है उनमें प्रमुख रूप से डॉन अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, विकास तिवारी और अमन श्रीवास्तव शामिल हैं. ये सभी राज्य के अलग अलग जेलो में बंद है.

वहीं कुख्यात गैंगस्टर भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव दोनो ही गैंगवार में मारे गए हैं, लेकिन दोनों के ही गैंग राज्य में बेहद सक्रिय हैं. इस समय भोला पांडेय गिरोह को विकास तिवारी संभाल रहा है. वहीं सुशील श्रीवास्तव गैंग को उसका बेटा अमन श्रीवास्तव संभाल रहा है.

वहीं कई ऐसे गैंग्स भी हैं, जिनके मुखिया और पुलिस के बीच लगातार आंख मिचौली चल रही है. उनमें प्रमुख नाम डब्ल्यू सिंह उर्फ गौतम सिंह का है. डब्ल्यू सिंह को पलामू के आतंक के रूप में जाना जाता है. दूसरे नंबर पर गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान है, प्रिंस खान फिलहाल दुबई में है और वहीं से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है.

तीन अमन में दो मारे गए

झारखंड क्राइम की दुनिया में अमन नाम बेहद चर्चित होते हैं. लेकिन झारखंड की क्राइम की दुनिया में सालों तक राज करने वाले दो अमन अब नहीं रहे. अमन साहू को पुलिस ने फरार होने की कोशिश करते समय एनकाउंटर में मार गिराया. वहीं उत्तर प्रदेश के कुख्यात अमन सिंह की हत्या झारखंड के धनबाद जेल में कर दी गई. अब एकमात्र अमन झारखंड में बचा है जिसका पूरा नाम अमन श्रीवास्तव है.

अमन श्रीवास्तव कुख्यात गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव का बेटा है. सुशील श्रीवास्तव की हत्या हजारीबाग कोर्ट के बाहर दिनदहाड़े हुई थी, जिसके बाद अमन ही पूरे गैंग को संभाल रहा है. फिलहाल अमन श्रीवास्तव जेल में बंद है. उसे मुंबई एटीएस की मदद से महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया था.

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