नई दिल्ली: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की 36 वर्षीय अधिकारी, गीता समोता ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर एक नया इतिहास रच दिया है. वह CISF की पहली महिला बन गई हैं जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी (8,849 मीटर) पर भारत का तिरंगा फहराया है. उनकी इस शानदार उपलब्धि के बाद CISF ने 2026 में एक समर्पित एवरेस्ट मिशन टीम भेजने की घोषणा की है, जिसे गीता समोता खुद प्रशिक्षण देंगी.
19 मई 2025 को एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने के बाद, गीता का CISF मुख्यालय में भव्य स्वागत हुआ. उन्हें महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी द्वारा ‘DG डिस्क’ से सम्मानित किया गया और ₹5 लाख की नकद पुरस्कार राशि दी गई. समोता ने कहा, “मेरी सफलता आने वाली पीढ़ियों और विशेषकर महिलाओं को बड़े सपने देखने की प्रेरणा देगी.”
शुरुआत एक छोटे गांव से: गीता की यात्रा की शुरुआत राजस्थान के सीकर जिले के एक साधारण से गांव “चक” से हुई. चार बहनों वाले परिवार में पली-बढ़ी गीता ने स्कूली शिक्षा स्थानीय स्तर पर ही पूरी की. उनका बचपन लड़कों की उपलब्धियों की कहानियाँ सुनते बीता, लेकिन महिलाओं की प्रेरक कहानियों की कमी ने उनके भीतर खुद कुछ कर दिखाने का संकल्प पैदा किया.
खेल से पर्वतारोहण तक: कॉलेज में गीता एक प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी थीं, लेकिन एक गंभीर चोट ने उन्हें खेल से दूर कर दिया. इसके बाद उन्होंने 2011 में CISF जॉइन किया, जहाँ उन्होंने अपने भीतर छिपे पर्वतारोही को पहचाना.
- 2015: औली स्थित ITBP प्रशिक्षण संस्थान में छह सप्ताह का बुनियादी पर्वतारोहण कोर्स (बैच में अकेली महिला)
- 2017: एडवांस पर्वतारोहण कोर्स पूरा करने वाली पहली CISF अधिकारी बनीं
- 2019: माउंट सतोपंथ (7,075 मीटर) और माउंट लोबुचे (6,119 मीटर) फतह करने वाली पहली CAPF महिला अधिकारी बनीं
‘सात शिखर’ की चुनौती: माउंट एवरेस्ट अभियान की रद्द योजना (2021) ने उन्हें ‘Seven Summits Challenge’ की ओर मोड़ा — हर महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी फतह करना.
अब तक फतह की गई चोटियाँ
- 🇦🇺 माउंट कोसियसज़को, ऑस्ट्रेलिया (2,228 मीटर)
- 🇷🇺 माउंट एल्ब्रस, रूस (5,642 मीटर)
- 🇹🇿 माउंट किलिमंजारो, तंजानिया (5,895 मीटर)
- 🇦🇷 माउंट एकॉनकागुआ, अर्जेंटीना (6,961 मीटर)
ये चार शिखर उन्होंने सिर्फ छह महीने और 27 दिन में चढ़े — यह एक भारतीय महिला का रिकॉर्ड है.
‘पहाड़ सभी के लिए समान हैं’
गीता कहती हैं, “पहाड़ लिंग नहीं देखते, सिर्फ हिम्मत और जुनून देखते हैं. CISF ने मुझे सपनों को हकीकत में बदलने का मंच दिया.” उन्होंने लद्दाख के रूपशु क्षेत्र में सिर्फ 3 दिनों में पाँच चोटियाँ फतह कीं — तीन 6,000 मीटर से ऊँची और दो 5,000 मीटर से ऊँची.
अगली पीढ़ी को तैयार करना
अब गीता समोता अपनी उपलब्धियों से CISF की भावी महिला पर्वतारोहियों को प्रशिक्षण देंगी, ताकि भविष्य में और महिलाएं ऊँचाइयाँ छू सकें. उनका लक्ष्य है CISF में पर्वतारोहण को एक मजबूत स्तंभ बनाना और यह सुनिश्चित करना कि महिलाएं इस क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें.