गिरिडीह: अगर खिलाफ हैं होने दो जान थोड़ी है, ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है, लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है… दिवंगत शायर राहत इंदौरी ने भले इस गजल को दूसरी परिस्थिति में लिखा हो लेकिन आज गजल की यह पंक्तियां जिले के घोड़थम्भा में घटित पथराव – आगजनी की घटना पर सटीक बैठ रही है.
दरअसल, शुक्रवार की शाम को होली के जुलूस के गली से गुजरने के विवाद में पथराव-आगजनी की घटना घटी. दो समुदाय के बीच पथराव हुआ, दुकानों के साथ-साथ वाहनों में आग लगायी गई. प्रशासन सख्त हुआ और कार्रवाई भी शुरू हो गई. इन सबों के बीच सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष की जंग शुरू हो गई, दोषी कौन इसे साबित करने में लोग जुट गए. वहीं यहां की घटना में दोनों समुदाय के लोगों को सीधा नुकसान हुआ.
पथराव महफूज की दुकान पर हुआ तो शिव वस्त्रालय भी अछूता नहीं रहा. मां दुर्गा टेलीकॉम में भी तोड़ फोड़ हुई तो अरमान के मोबाइल दुकान को भी फूंकने का प्रयास किया गया. आग लगी तो दोनों समुदाय के लोगों की दुकानें फूंकी गई. गाड़ियां भी दोनों समुदाय के लोगों की जलकर राख हो गई. कहा जाए तो सालों के रिश्ते में सिलवट आ गई जिसे ठीक करने की दरकार है.

इधर शुक्रवार के उपद्रव के बाद से घटनास्थल पर जिले के पुलिस कप्तान डॉक्टर बिमल कुमार, डीडीसी स्मिता कुमारी, एएसपी सुरजीत कुमार, खोरी महुआ एसडीएम अनिमेष रंजन, सीओ गुलजार अंजुम के अलावा चारों अनुमंडल के एसडीपीओ, दोनों मुख्यालय डीएसपी के साथ आधा दर्जन थाना के प्रभारी डटे हुए हैं. पुलिस की टीम के द्वारा छापेमारी की जा रही है.

सीसीटीवी फुटेज को खंगाल गया है. फुटेज में आए उपलब्धियां को चिन्हित करते हुए कुछ एक लोगों को हिरासत में लिया गया है. गिरिडीह के एसपी डॉक्टर विमल कुमार का साफ कहना है कि माहौल को खराब करने वाला चाहे कोई भी हो एक भी व्यक्ति बचेगा नहीं.