गिरिडीह: राशन कार्ड किसी भी व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज है. इसी दस्तावेज में नाम सही रहा तो लोगों को आयुष्मान भारत योजना, मंईयां सम्मान योजना जैसी लाभकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है. इस बीच राशन कार्ड के लिए केवाईसी का काम भी चल रहा है, जो अंतिम चरण पर पहुंच चुका है. राशन कार्ड में केवाईसी की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित कर दी गई है. इसके तहत राशन कार्ड के सभी सदस्यों का सत्यापन किया जा रहा है. जिसके लिए लोगों का आधार कार्ड पूरी तरह से दुरुस्त रहना जरुरी है. ऐसे में आधार कार्ड को सही करवाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है.
संचालित 28 सेंटरों में हजारों की भीड़
गिरिडीह जिले के आधार सेंटरों में भी भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. हर सेंटर पर हर रोज सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं. इस संदर्भ में यूआईडी के नोडल पदाधिकारी अमित सिंह बताते हैं कि जिले में अभी 28 सेंटर पर आधार कार्ड बनाने, इसे सुधारने का काम चल रहा है. यह सेंटर शहर के अलावा प्रखंड एवं बैंक की शाखाओं में संचालित हैं.
उन्होंने बताया कि जिले में सिर्फ दो प्रखंड देवरी और सरिया में सेंटर नहीं संचालित हो पा रहा है. इसके पीछे की वजह ऑपरेटर का ब्लैकलिस्ट होना है. दोनों स्थानों पर नए ऑपरेटर की तलाश की जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी हाल के कुछेक दिनों से आधार सेंटर पर लोगों की अधिक भीड़ उमड़ पड़ी है.
हर कुछ जल्दी में कैसे होगा
इधर समाहरणालय में अवस्थित सेंटर में भी भारी भीड़ उमड़ रही है. समाहरणालय में सुबह 5 बजे से ही लोग पहुंच रहे हैं. सेंटर पर पहुंचने वाला हर व्यक्ति इसी उम्मीद से आ रहा हैं कि उनका काम जल्दी हो जाएगा. समाहरणालय ऑपरेटर बसंत कुमार कहते हैं कि उनके यहां एक दिन में 30 लोगों का ही आधार अपडेट हो पा रहा है. लेकिन भीड़ हर रोज 3 से 4 सौ की पहुंच रही है. हर कोई तुरंत ही काम चाहता है.

प्रखंड में नहीं हुआ तो जिला मुख्यालय तक लगा डाली दौड़जिन्हें जल्दी आधार कार्ड अपडेट करवाना है, वे प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक की दौड़ लगा रहे हैं. जमुआ के खरगडीहा से अपने दिव्यांग पुत्र को लेकर गिरिडीह समाहरणालय पहुंचे मो एम आलम बताते हैं कि उनका बेटा दिव्यांग है. राशन कार्ड के लिए हो रहे केवाईसी में उसके बेटा का अंगूठा नहीं ले रहा है. वे जमुआ के सेंटर गए थे, लेकिन वहां के ऑपरेटर के द्वारा टाल-मटोल किया जाने लगा. ऐसे में वे जिला मुख्यालय पहुंचे और यहां के ऑपरेटर को अपनी पीड़ा बताई तो उनके द्वारा मदद की गई. यहां खड़ी भीड़ से निवेदन कर उनके पुत्र को जगह दिया गया और फिर आधार अपडेट किया गया.काम नहीं होने पर निराश होकर लौट रहे लोग
मधुबन से गिरिडीह पहुंचे सुमन कुमार सिन्हा समेत कई लोगों को बैरंग ही लौटना पड़ा. सुमन सिन्हा बताते हैं कि उन्हें भी आधार कार्ड अपडेट करवाना है. वे पीरटांड प्रखंड गए, लेकिन वहां पर काम नहीं हुआ तो जिला मुख्यालय आए. लेकिन यहां आफत भीड़ है और नंबर भी 15-20 दिन बाद का मिल रहा है. वहीं शहर के रहने वाले अमित लहेरी का कहना है कि स्कूल में जमा करने के लिए उन्हें अपने बेटे का आधार कार्ड अपडेट करवाना था, लेकिन नंबर ही 10 अप्रैल के बाद का आ रहा है. इनका कहना है कि आधार कार्ड बनाने और अपडेट कराने के सेंटर को बढ़ाने की जरूरत है.
आपूर्ति विभाग चला रहा है अभियान
दूसरी तरफ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले पीला एवं गुलाबी राशन कार्ड धारकों का शत प्रतिशत ई-केवाईसी करने के उद्देश्य से जिले में 21 से 27 मार्च तक ई-केवाईसी सप्ताह का आयोजन किया गया है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी ने बताया कि आमजन को ई-केवाईसी की अनिवार्यता और प्रक्रिया के प्रति जागरूक किया जा रहा है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों का आधार सीडिंग अनिवार्य किया गया है. इसके तहत जिले के सभी प्रखंडों के जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं को राशन कार्ड धारकों के निवास स्थान पर जाकर उनका ई-केवाईसी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की गई है.