यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपी बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से थे, जिसपर अधिकारी ने बताया, “उन्होंने इसी तरह के नारे लगाए, लेकिन वे भिक्षु नहीं हैं.
गया के महाबोधि मंदिर परिसर से पुलिस ने दो संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों पर पांच पांडव मंदिर के भीतर रखी धार्मिक पुस्तक लेकर भागने के प्रयास का आरोप है. अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोग उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले हैं. उन्हें जेल भेज दिया गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपी बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से थे, जिसपर अधिकारी ने बताया, “उन्होंने इसी तरह के नारे लगाए, लेकिन वे भिक्षु नहीं हैं.
बौद्ध भिक्षुओं का चल रहा है विरोध प्रदर्शन
यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल महाबोधि मंदिर बोधगया में स्थित है. यह मंदिर बौद्धों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. यह घटना शहर में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच हुई. प्रदर्शनकारी बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के सभी सदस्य बौद्ध हों. महाबोधि मंदिर प्रबंध कारिणी समिति (बीटीएमसी) इस मंदिर के प्रबंधन का जिम्मा संभालती है. वर्तमान में समिति में चार हिंदू और चार बौद्ध सदस्य हैं तथा गया के जिलाधिकारी इसके अध्यक्ष हैं. यह व्यवस्था अधिनियम के अनुसार 1949 से लागू है.
क्या बोले गया के डीएम
गया के जिलाधिकारी सह समिति अध्यक्ष त्यागराजन एसएम ने घटना पर बताया, ‘”दो लोग अचानक महाबोधि मंदिर परिसर के अंदर पांच पांडव मंदिर में घुस गए और वहां रखी एक धार्मिक पुस्तक लेकर भागने की कोशिश की. दोनों नारे भी लगा रहे थे. सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया.” अधिकारी ने बताया कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों सहित वह तुरंत मौके पर पहुंचा और हालात पर काबू पाया. पुलिस ने बाद में दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया. मंदिर परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है.