Sunday, March 23, 2025

गढ़वा के किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ फूलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.

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गढ़वा: जिले में किसान अब पारंपरिक खेती से हटकर फूलों की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. गेंदा के फूल की खेती से किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. इसे देख बाकी किसान भी फूलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. आने वाले समय में वे गेंदा के फूल के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के फूल भी लगाने की तैयारी कर रहे हैं.

गढ़वा सदर प्रखंड के बीरबंधा पंचायत के युवा किसानों ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ अपनी बंजर जमीन में एक नया तरीका इजाद किया है. कुछ किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ फूलों की खेती भी कर रहे हैं. कुछ किसान अपनी जमीन पर फलों से लेकर सब्जियों तक कई तरह की खेती कर रहे हैं और आज वे सालाना लाखों रुपये कमा रहे हैं.

किसानों ने बताया कि फूलों की खेती उनके लिए अहम भूमिका निभा रही है क्योंकि फूलों का बाजार उपलब्ध है. इससे किसानों को इन्हें बेचने में कोई परेशानी नहीं हो रही है. युवा किसानों का भी रुझान फूलों की खेती की ओर बढ़ा है. किसानों का कहना है कि अन्य खेती की तरह फूलों की खेती में अधिक मुनाफा है क्योंकि इसमें लागत कम है जबकि मुनाफा अधिक है.

प्रखंड तकनीकी प्रबंधक अजय साहू का कहना है कि गढ़वा जिले में जिला कृषि विभाग द्वारा भी किसानों को फूलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है, इसी का नतीजा है कि आज बीरबंधा गांव में किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ फूलों की खेती भी कर रहे हैं.

किसानों ने बताया कि गढ़वा में पानी की कमी है और कम पानी में भी फूलों की खेती की जा सकती है. वहीं पारंपरिक खेती में करेला, जिसका मूल्य बाजार में हमेशा स्थिर रहता है, उसकी खेती भी की जा रही है. इसलिए दोनों की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है.

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