Saturday, June 7, 2025

गंगा दशहरा से जुड़ी यह 5 बातें ,अगर कर लिया यह 5 कार्य तो जीवन का हो जाएगा उद्धार

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गंगा दशहरा वह पावन त्योहार है जब माँ गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. इस दिन गंगा स्नान, पूजा, व्रत और दान करने से जीवन के पाप दूर होते हैं और आत्मा की शुद्धि होती है. इससे सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है.

गंगा दशहरा हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन माँ गंगा जी का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. इसलिए इसे गंगा दशहरा कहा जाता है. यह त्योहार खासतौर पर उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है जो गंगा नदी को पवित्र और माँ के रूप में पूजते हैं. गंगा दशहरा का अर्थ होता है गंगा का दसवाँ दिन, जो उनके अवतरण और पवित्रता का प्रतीक है.

गंगा दशहरा का महत्व

गंगा दशहरा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत बड़ा है. माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है. साथ ही इस दिन गंगा जी की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. गंगा दशहरा पर गंगा नदी के किनारे विशेष पूजा, हवन, और भक्तिमय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन व्रत रखने और धार्मिक अनुष्ठान करने से भगवान गंगा की कृपा प्राप्त होती है.

गंगा दशहरा पर क्या करें

1-: गंगा स्नान: गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करना सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है. यदि संभव हो तो गंगा स्नान अवश्य करें. यह माना जाता है कि इससे सभी पापों का नाश होता है.

2-: पूजा-अर्चना: इस दिन गंगा माता की विधिवत पूजा करें. गंगा जी की आरती करें, उनसे आशीर्वाद लें और गंगा सप्तमी या गंगा दशहरा की कथा सुनें.

3-: दान-पुण्य: इस दिन दान करना विशेष फलदायक माना जाता है. गरीबों को भोजन कराएं, वस्त्र दान करें या अन्य जरूरतमंदों की सहायता करें.

4-: व्रत रखना: गंगा दशहरा के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है. व्रत रखने से मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक विकास होता है.

5-: संकल्प लेना: इस पावन दिन अपने जीवन में अच्छे कर्म करने का संकल्प लें और अपनी गलत आदतों को छोड़ने का प्रयास करें.

शाम को क्या करें?

गंगा दशहरा के दिन शाम को गंगा नदी के किनारे जाकर गंगा आरती में भाग लें. यह आरती बहुत ही सुंदर और भक्तिमय होती है जिसमें दीप जलाए जाते हैं और भजन-कीर्तन होते हैं. आप घर पर भी दीप जलाकर गंगा माता की पूजा कर सकते हैं. शाम के समय गंगा दशहरा की कथा पढ़ना या सुनना भी लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव की भी पूजा की जाती है क्योंकि गंगा जी उनके जटा से निकली हैं.

गंगा दशहरा के लाभ

पापों का नाश: गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं.

आध्यात्मिक शांति: इस दिन पूजा-अर्चना से मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है.

स्वास्थ्य लाभ: गंगा नदी के पवित्र जल से स्नान करने से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं.

समृद्धि: इस दिन किए गए दान-पुण्य से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है.

कष्टों का अंत: गंगा दशहरा के दिन किए गए पूजा-पाठ से जीवन के संकट दूर होते हैं.

गंगा दशहरा न केवल एक धार्मिक त्योहार है बल्कि यह आध्यात्मिक शुद्धि का दिन भी है. इस दिन गंगा जी की पूजा करने, गंगा नदी में स्नान करने और दान करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. यह दिन हमें अपने कर्मों पर ध्यान देने और जीवन में सुधार करने की प्रेरणा देता है. इसलिए इस पावन दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं और गंगा माता की कृपा प्राप्त करें.

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