नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी के लिए 8वां वेतन आयोग (CPC) फिटमेंट फैक्टर तय करेगा. इसका केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को बेसब्री से इंतजार है. फिटमेंट फैक्टर से उन्हें पता चलेगा कि उनके वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी.
हालांकि, 8वें पे कमीशन के गठन से पहले अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर के बारे में कई अटकलें लगाई जा रही हैं. चूंकि 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में अभी लंबा समय है, इसलिए कर्मचारियों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि 7वें पे पैनल ने फिटमेंट फैक्टर तय किया था.
बता दें कि 7वें वेतन आयोग ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी, जिसे 6वें CPC के वेतन से गुणा करने पर कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के बारे में पता चलता है. उदाहरण के लिए, 6वें CPC में मिनिमम सैलरी 7000 रुपये था. इसे 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से गुणा करने पर, 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये हो गया.
कैसे तय किया फिटमेंट फैक्टर?
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फिटमेंट फैक्टर 2.57 ही क्यों था, 2.6, 2.9 या कोई और संख्या क्यों नहीं? बता दें कि इसके लिए 7वें वेतन ने एक बहुत ही जटिल गणना के माध्यम से 2.57 फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया. अपस्टॉक के मुताबिक 1957 में 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर, 7वें CPC ने पहली बार तीन लोगों के परिवार के लिए चावल/गेहूं, दाल, कच्ची सब्जियां, हरी सब्जियां, फल, दूध, चीनी, मछली का मांस आदि जैसी बुनियादी जरूरतों की चीजें खरीदने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि निर्धारित की.
कितनी तय हुई राशि?
यह राशि लगभग 9217 रुपये निकली. आयोग ने बिजली, ईंधन, पानी के लिए 2304 रुपये, शादी रिक्रिएशन और त्योहार के लिए 2033, स्किल के लिए 3388 और हाउसिंग के लिए 524 रुपये तय किए. उपरोक्त सभी राशियों का योग लगभग 17468. इसमें 524 का तीन प्रतिशत स्टेप-अप जोड़ा गया, जो महंगाई भत्ते के लिए था, जिसके 1 जनवरी, 2016 को 125 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान था.
उपरोक्त सभी राशियों का अंतिम योग यानी लगभग 17,992 था, जिसे राउंड ऑफ करके 18,000 रुपये किया गया. इस राशि को 7वें वेतन आयोग ने 1 जनवरी, 20216 से लागू होने वाले न्यूनतम वेतन के रूप में अनुशंसित किया था. 18,000 का न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये का 2.57 गुना था, जिसे सरकार ने 1 जनवरी, 2006 से 6वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करते समय निर्धारित किया था.
7वें वेतन आयोग ने इस 2.57 फैक्टर को फिटमेंट फैक्टर के रूप में इस्तेमाल किया, जिसमें कहा गया, “1 जनवरी 2016 को किसी भी स्तर पर मूल वेतन (वेतन बैंड में वेतन + ग्रेड वेतन) को नए वेतन ढांचे में किसी कर्मचारी के वेतन को तय करने के लिए 2.57 से गुणा करना होगा.” 2.57 फिटमेंट में से 2.25 में मूल वेतन को डीए के साथ विलय करने का प्रावधान था, जिसे 1 जनवरी, 2016 को 125 फीसदी माना गया था.