अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार टैरिफ को लेकर चर्चा में बने हुए हैं.
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस बार एक संभावना है कि यदि वह पारस्परिक शुल्कों से पर्याप्त पैसे जुटा लेते हैं तो इनकम टैक्स को रिप्लेस किया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे अमेरिका ने 1800 के दशक में शुल्कों से बड़े वित्तीय लाभ कमाए थे.
2 अप्रैल को ट्रंप के घोषित व्यापक शुल्कों ने वित्तीय बाजारों में घबराहट पैदा कर दी और मंदी की आशंकाएं पैदा कर दीं. जिसके कारण अमेरिकी राष्ट्रपति ने आयात करों पर आंशिक 90-दिवसीय रोक लगा दी. वहीं, चीन के खिलाफ अपने पहले से ही भारी शुल्क को 145 फीसदी तक बढ़ा दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स नोटिशियस के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इस बात की संभावना है कि यह पैसे इतना बड़ा है कि यह आयकर की जगह ले सकता है. आप जानते हैं, पुराने दिनों में, लगभग 1870 से 1913 तक, टैरिफ ही पैसै का एकमात्र रूप था. और वह समय था जब हमारा देश रिलेटिवली सबसे अमीर था. हम सबसे अमीर थे.
हालांकि ट्रंप ने माना कि आयकर में किसी भी बदलाव के लिए कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता होगी. आयकर को शून्य करने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं और इसे कोविड-19 महामारी के दौरान देश में कर कटौती की प्रवृत्ति का सबसे आक्रामक उदाहरण कहा जा रहा है.
लगभग 45 वर्ष पहले किसी अमेरिकी राज्य ने मजदूरी या वेतन पर आयकर समाप्त किया था. , दो राज्य – मिसिसिपी और केंटकी – ऐसा करने की राह पर हैं.
कौन सी सरकारें आयकर वसूलती हैं?
अमेरिकी संविधान का 16वां संशोधन कांग्रेस को आयकर लगाने की पावर देता है. इसे 1913 में राज्यों के अप्रूव किया गया था. तब से अधिकांश राज्यों ने अपने स्वयं के आयकर अपनाए हैं.
आठ राज्य वर्तमान में कोई व्यक्तिगत आयकर नहीं वसूलते हैं- अलास्का, फ्लोरिडा, न्यू हैम्पशायर, नेवादा, साउथ डकोटा, टेनेसी, टेक्सास और व्योमिंग. नौवां राज्य, वाशिंगटन, मजदूरी और वेतन पर कोई व्यक्तिगत आयकर नहीं वसूलता है, लेकिन 270,000 डॉलर से अधिक की कुछ पूंजीगत लाभ आय पर कर लगाता है.