किडनी कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसका पता जल्दी नहीं चल पाता, अगर आपको ये लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें…
जीवनशैली में बदलाव और खानपान को लेकर लापरवाही के कारण आजकल लोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं. लोगों को लगातार ब्लड प्रेशर और डायबिटीज रोग जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किडनी में पथरी, खराब किडनी और किडनी कैंसर जैसी समस्याएं आजकल आम हैं, लेकिन समय पर निदान और उचित उपचार से किडनी फेलियर का खतरा कम हो सकता है. आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले के मुताबिक जानें कि किडनी का कैंसर क्या होता है, कैसे होता और इसके लक्षण क्या है?
किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, किडनी मानव शरीर में पसलियों के ठीक नीचे और पेट के पीछे स्थित होती है. इसका काम खून को साफ करना और पेशाब का उत्पादन करना है. इसके अलावा किडनी सभी खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से टौक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करती है. इसके साथ ही किडनी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ावा देने और हड्डियों को स्वस्थ रखने में भी मदद करती है. यदि किडनी में कोई समस्या आ जाए तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है. ऐसे में, किसी को किडनी कैंसर और यदि इसका समय पर पता न चले या उचित इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है.

क्या होता है किडनी कैंसर ?
नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, किडनी कैंसर एक गंभीर बीमारी है. किडनी कैंसर किडनी की कोशिकाओं का कैंसर है. यह तब होता है जब स्वस्थ किडनी की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ (जिसे ट्यूमर कहा जाता है) बन जाती है. किडनी कैंसर का सबसे आम प्रकार रीनल सेल कार्सिनोमा (RCC) कहलाता है. किडनी कैंसर की वजह से, पेशाब में खून आना, पसलियों में दर्द या बुखार हो सकता है.
किन लोगों को होता है किडनी कैंसर?
किडनी कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को इसका खतरा अधिक होता है, खास तौर पर वे लोग जो स्मोकिंग करते हैं, बहुत अधिक शराब पीते हैं, मोटे हैं, हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं या जिनके परिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा है. इसके साथ ही उम्र बढ़ने के साथ किडनी कैंसर का खतरे बढ़ता जाता है. जिन लोगों को लंबे समय तक डायलिसिस की जरूरत होती है, उन्हें किडनी कैंसर का खतरा अधिक होता है. कुछ इंडस्ट्रियल केमिकल्स के संपर्क में आने से भी किडनी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.

किडनी कैंसर के लक्षण क्या है?
किडनी कैंसर के शुरुआती दौर में कोई खास लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, लक्षण दिखने लगते हैं. इस कारण से, किडनी कैंसर का अक्सर तब तक पता नहीं चलता जब तक कि यह फैलना शुरू न हो जाए.
नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, किडनी कैंसर के लक्षण इस प्रकार है
- आपके पेशाब में खून आना (हेमट्यूरिया).
- किडनी क्षेत्र में गांठ होना
- पीठ में तेज दर्द.
- थकान
- आमतौर पर अनहेल्दी महसूस करना.
- भूख न लगना
- वजन कम होना
- हल्का बुखार
- हड्डियों में दर्द होना
- हाई ब्लड प्रेशर
- एनीमिया होना
- कैल्शियम लेवल का हाई होना
नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, इन टेस्ट के माध्यम से आप किडनी कैंसर का पता लगा सकते हैं
यूरिन टेस्ट : आपके पेशाब के नमूने की जांच की जाती है, यह देखने के लिए कि उसमें खून है या नहीं.
ब्लड टेस्ट : ब्लड टेस्ट से पता चल सकता है कि क्या रेड ब्लड सेल्स बहुत कम हैं (एनीमिया), या क्या आपकी किडनी का कार्य खराब है या नहीं
सीटी स्कैन : यह एक विशेष एक्स-रे है जो आपके शरीर के अंदर की छवियों या स्लाइस की एक सीरिज बनाने के लिए कंप्यूटर का उपयोग करता है.
MRI : यह एक टेस्ट है जो एक बड़े चुंबक, रेडियो तरंगों और कंप्यूटर का उपयोग करके आपके शरीर के अंदर की छवियां बनाता है.
अल्ट्रासाउंड : इस परीक्षण में हाई फ्रीक्वेंसी वाली साउंड वेव्स का उपयोग किया जाता है जो शरीर के ऊतकों के माध्यम से प्रेषित होती हैं और ऐसी छवियां बनाती हैं जो मॉनिटर पर प्रदर्शित होती हैं. यह परीक्षण ट्यूमर का पता लगाने में सहायक है.
रीनल मास बायोप्सी: इस प्रक्रिया के दौरान, ट्यूमर में एक पतली सुई डाली जाती है, और आपके ऊतक का एक छोटा सा नमूना निकाला जाता है.