गम्हरिया। सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा स्थित हरिश्चंद्र विद्या मंदिर में एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस बावत कांड्रा निवासी राजकुमार वार्ष्णेय ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर इसकी जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता सह बिल्डर जितेंद्र मिश्रा ने स्कूल के शिक्षकों और कुछ स्थानीय लोगों के साथ मिलकर फर्जी हस्ताक्षर कर नए ट्रस्ट का गठन कर लिया और स्कूल में दावेदारी ठोक दी।
आरोप है कि जितेंद्र मिश्रा ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर स्कूल हथियाने की कोशिश की है। डीसी को दिए आवेदन में जितेंद्र नाथ मिश्रा, तारा देवी, टीएन मिश्रा, आयुष कुमार मिश्रा, जगन्नाथ मिश्रा उर्फ जुगनू मिश्रा, करमचंद मंडल, सुकू हांसदा, अजीत कुमार शर्मा और रजत कुमार के नाम का जिक्र किया गया है।
सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा स्थित हरिश्चंद्र विद्या मंदिर में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। राजकुमार वार्ष्णेय ने कांग्रेस नेता जितेंद्र मिश्रा पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर स्कूल हथियाने का आरोप लगाया है। उन्होंने उपायुक्त से मामले की जांच कराने की मांग की है। जितेंद्र मिश्रा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा कि उन्होंने नियमों के अनुसार ही निदेशक का पद संभाला है।
उसमें यह भी बताया गया है कि जितेंद्र मिश्रा ने स्कूल में लगे कई कीमती पेड़ों को बगैर विभागीय अनुमति के काट दिया है।
गौरतलब है कि कांड्रा स्थित हरिश्चंद्र विद्या मंदिर की स्थापना सरायकेला ग्लास कंपनी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक स्व. हरिश्चंद्र वार्ष्णेय द्वारा वर्ष 1945 में की गई थी।
स्कूल के पास कुल 60 एकड़ जमीन है, जिसमें से 43 एकड़ जमीन की नीलामी हो चुकी है। शेष 17 एकड़ जमीन पर स्कूल, सामुदायिक भवन, खेल मैदान व अस्पताल है।
आरोप लगाया गया है कि जितेंद्र मिश्रा द्वारा फर्जी ट्रस्ट बनाकर स्कूल हथियाने की साजिश की जा रही है।
वहीं, इस सम्बंध में जितेंद्र मिश्रा ने राजकुमार वार्ष्णेय द्वारा लगाए गए इन आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है।
उन्होंने बताया कि 52 बच्चों के अभिभावक, स्कूल के शिक्षक और बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित करने के बाद उपायुक्त ने उनके निदेशक बनने पर मुहर लगाई है।