कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार चुनाव को देखते हुए ओबीसी और अति पिछड़ों को लुभाने की कोशिश करेंगे.
नई दिल्ली: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक्टिव हो गई है. इन सबके बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना का दौरा करेंगे. यहां वे ‘संविधान बचाओ’ सम्मेलन में शामिल होंगे.
बता दें कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी तेलंगाना जाति जनगणना मॉडल के साथ-साथ दलित मुद्दों पर निरंतर अभियान चलाकर पिछड़ों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. अब वे बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए पिछड़ों को लुभाने की दिशा में काम कर रहे हैं. बिहार का पिछड़ा वर्ग सत्तारूढ़ जेडीयू और विपक्षी आरजेडी के बीच बंटा हुआ था, लेकिन अति पिछड़े वर्ग जेडीयू का ही समर्थन कर रहे थे.
राहुल गांधी इस समीकरण को बदलने की योजना पर काम कर रहे हैं और वे अहमदाबाद में दो दिवसीय एआईसीसी सत्र से एक दिन पहले 7 अप्रैल को पटना में एक और ‘संविधान बचाओ’ सम्मेलन में भाग लेंगे. पूर्व पार्टी अध्यक्ष ने 18 जनवरी और 19 फरवरी को शहर में इसी तरह के सम्मेलनों को संबोधित किया था, जहां उन्होंने कहा था कि, नीतीश कुमार सरकार का पिछला जाति सर्वे सही नहीं था.
कांग्रेस अब बिहार के मतदाताओं से कह रही है कि अगर कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है तो वह तेलंगाना की तर्ज पर एक नया जाति सर्वेक्षण कराएगी, जिसने हाल ही में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़ों को 42 प्रतिशत कोटा देने का विधेयक लाया है.
राहुल पिछले कुछ सालों से ओबीसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. राहुल गांधी कह रहे हैं कि वह राष्ट्रीय जाति जनगणना के पक्ष में हैं, जिससे सही तस्वीर सामने आएगी. इस पर बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुमार ने ईटीवी भारत से कहा कि, ओबीसी के कुछ वर्ग कांग्रेस का समर्थन कर रही है लेकिन पार्टी अति पिछड़ों का समर्थन भी हासिल करना चाहती है. बिहार में अति पिछड़ा वर्ग जेडी-यू का समर्थन कर रही है लेकिन कांग्रेस को लगता है कि पार्टी उन्हें मना लेगी. पटना में 7 अप्रैल का सम्मेलन उस लक्ष्य की दिशा में एक और प्रयास है.
अशोक कुमार ने कहा कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक एनजीओ की तरफ से आयोजित सेमिनार में भाग लेंगे. इस सम्मेलन का विषय पहले के कार्यक्रमों जैसा ही रहेगा, जिसमें दलितों की रक्षा करने वाले संविधान को बचाने की आवश्यकता पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा, “अगर हमारा गठबंधन सत्ता में आता है तो हम राज्य में एक नया जाति सर्वेक्षण कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम मतदाताओं को यह बता रहे हैं और समूहों को संगठित करने के लिए संदेश देना जारी रखेंगे.”
अति पिछड़ों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए, राहुल ने हाल ही में दलित विधायक राजेश कुमार को नए राज्य इकाई प्रमुख के रूप में नामित किया. राजेश कुमार अब अपने समुदाय के 20 प्रतिशत मतदाताओं को कांग्रेस की तरफ लाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में राहुल ने पिछड़ों और अति पिछड़ों से संबंधित मुद्दों पर जाने-माने शिक्षाविद, अर्थशास्त्री प्रोफेसर थोराट के साथ भी चर्चा की, जो तेलंगाना में जाति जनगणना का अध्ययन करने वाले पैनल के सदस्य थे.
मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव चंदन यादव ने ईटीवी भारत से कहा, “मतदाताओं के सामने सामाजिक असमानता लाने के लिए जाति जनगणना की आवश्यकता है. जो इसके खिलाफ हैं, वे ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं. लेकिन यह बीआर अंबेडकर का सपना था, जिन्होंने संविधान बनाया…. हम इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे.”
यादव ने हाल ही में पटना में ओबीसी पदाधिकारियों की एक बैठक में भाग लिया और बेलदौर विधानसभा सीट क्षेत्र में पार्टी के ‘संविधान बचाओ’ पैदल मार्च में शामिल हुए. उन्होंने कहा, “यह यात्रा का दूसरा चरण था। कांग्रेस संविधान को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे भाजपा कमजोर कर रही है. इस मुद्दे को मतदाताओं को समझाने की जरूरत है.”