श्रीनगर: भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव चरम सीमा को पार करते हुए जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों से जम्मू और श्रीनगर जैसे शहरों तक फैल गया है. 9-10 मई की रात को सायरन की आवाज के बाद ड्रोन हमलों ने खौफनाक शांति को भंग कर दिया, और गर्मियों की राजधानी श्रीनगर सुबह जोरदार धमाकों के साथ जाग उठी.
भारत के 6-7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान पर किए गए नॉन- एस्केलेट हमले के बाद से ही जम्मू कश्मीर के आसमान पर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं. भारती की ओर से किए गए इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (POK) में आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था.
युद्ध के डर में जी रहे लोग
रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक ब्रीफिंग में कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए ‘सटीक हमले’ किए गए. श्रीनगर और अन्य जिलों के निवासी दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच पूर्ण युद्ध के डर में जी रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान ने पिछले 48 घंटों में नागरिक क्षेत्रों पर हमला किया है.
रात के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में राजौरी के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थापा और एक दो वर्षीय बच्चे सहित कम से कम तीन लोग मारे गए, जिससे सीमा पार से इस तरह की गोलीबारी में मरने वाले नागरिकों की संख्या कम से कम 20 हो गई.
विस्फोटों की आवाजें
श्रीनगर शहर में भी बेचैनी का स्तर इतना है कि लोगों ने ऊपरी मंजिलों पर सोना बंद कर दिया है, क्योंकि उन्हें डर है कि उनके घर पर बम से हमला हो सकता है. नौगाम (श्रीनगर) निवासी हिलाल अहमद ने आज सुबह ईटीवी भारत को बताया, “मैं पहले दूसरी मंजिल पर सोता था, लेकिन कल रात हमने ग्राउंड फ्लोर पर सोने का फैसला किया. मैं और मेरे परिवार के सभी सदस्य एक ही कमरे में सोए.” नौगाम श्रीनगर के शेख-उल-आलम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास है. हवाई अड्डे के करीब रहने वालों ने आज सुबह होते ही जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के निवासी मोहम्मद यूनुस ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने भी कल रात जोरदार धमाके सुने, लेकिन यह पुष्टि नहीं कर सके कि वे कहां और कहां हुए थे. उन्होंने कहा, “धमाके बहुत जोरदार थे. ऐसा लगा जैसे यह बगल में हुआ हो.” नियंत्रण रेखा के करीब, भय और भी अधिक था, क्योंकि पाकिस्तान ने गोले और अन्य तोपखाने की आग से अग्रिम और यहां तक कि नागरिक क्षेत्रों पर बमबारी की.
श्रीनगर के सनत नगर की निवासी नाजिश चिंतित हैं क्योंकि उनके माता-पिता, भाई और उनका परिवार सीमा पार से गोलीबारी के बीच गुरेज में उनके गांव में एक बंकर में छिपे हुए हैं. श्रीनगर से लगभग 125 किलोमीटर उत्तर में एक सुरम्य घाटी गुरेज, बांदीपोरा जिले में भारत और पाकिस्तान को विभाजित करने वाली नियंत्रण रेखा पर स्थित है.
लोगों ने बंकर में ली पनाह
कुपवाड़ा के करनाह कस्बे में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है. करनाह के निवासी गजनफर ने ईटीवी भारत को बताया, “हम पिछली कुछ रातों से सोए नहीं हैं, लेकिन पिछली रात सबसे खराब थी. पूरे दिन धमाकों की गगनभेदी आवाजें आती रहीं.” उन्होंने कहा, “दिन में तो ज्यादातर शांति रहती है, लेकिन शाम 7 बजे के बाद गोलाबारी फिर से शुरू हो जाती है. हममें से ज्यादातर लोग अपने घरों के बगल में बनाए गए बंकरों में चले गए हैं.