Saturday, March 29, 2025

कर्नाटक ‘हनी ट्रैप’ मामले में CBI जांच नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

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उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक ‘हनी ट्रैप’ मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी.

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक सरकार के मंत्री और न्यायाधीशों सहित कई अन्य लोगों को कथित तौर पर हनी ट्रैप में फंसाने की घटना की सीबीआई जांच कराने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मामले की सुनवाई की. पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं. सामाजिक कार्यकर्ता बिनय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया.

याचिका में कहा गया है कि कर्नाटक विधानसभा में बहुत गंभीर और परेशान करने वाले आरोप लगाए गए हैं कि राज्य का मुख्यमंत्री बनने का इच्छुक एक व्यक्ति कई लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने में सफल रहा है, जिनमें न्यायाधीश भी शामिल हैं. याचिका में कहा गया था कि “कई मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया के कारण पहले ही बहुत शोर-शराबा हो चुका है. इस पृष्ठभूमि में, यह जरूरी है कि यह अदालत देश की न्यायिक प्रणाली में प्रतिष्ठा और जनता के विश्वास को बचाने के लिए कदम उठाए.”

याचिका में क्या कहा गया:

आरोप एक मौजूदा मंत्री द्वारा लगाया गया है, जिन्होंने खुद को पीड़ित बताया. “अगर किसी राज्य सरकार के मंत्रियों पर खुद हनी ट्रैप की साजिश रचने का आरोप है, तो उनके नियंत्रण वाली एजेंसी को जांच करने की अनुमति देना न्याय का मजाक होगा. ऐसी जांच में विश्वसनीयता की कमी होगी और सच्चाई को उजागर करने के बजाय अपराधियों को बचाने के लिए इसे आसानी से प्रभावित, दबाया या हेरफेर किया जा सकता है.”

याचिका में कहा गया कि “हनी ट्रैप प्रकरण में किस स्तर के न्यायाधीशों ने समझौता किया है, यह सामने आना चाहिए, जो पूरी जांच से ही संभव है. इसलिए, यह जरूरी है कि जांच निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए की जाए. इसके अलावा, ऐसे व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं जो कर्नाटक राज्य का मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखता है. इसलिए स्पष्ट रूप से राज्य के तहत किसी भी जांच एजेंसी को प्रभावित करने की बहुत अधिक ताकत और क्षमता रखता है.”

क्या है मामलाः

बता दें कि कर्नाटक के राज्य सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने विधानसभा में कहा था कि हाल ही में उन्हें हनी-ट्रैपिंग के प्रयास का निशाना बनाया गया था. उन्होंने दावा किया था कि सभी दलों के 48 नेताओं को निशाना बनाया गया है. जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया. उनकी प्रतिक्रिया तब आई जब भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने विधायकों के हनी-ट्रैपिंग का मुद्दा उठाया और कहा कि ऐसी अफवाहें हैं कि कई कांग्रेसी मंत्री संगठित गिरोहों द्वारा निशाना बनाए जा रहे हैं.

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