Monday, May 19, 2025

कर्नाटक विधान परिषद में महिला मंत्री के खिलाफ टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता को तत्काल बड़ी राहत दी है.

Share

नई दिल्लीः कर्नाटक सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर के खिलाफ की गई टिप्पणी मामले में भाजपा नेता सी.टी रवि को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने 19 दिसंबर, 2024 को दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में किसी भी कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा मामलाः

रवि ने 2 मई, 2025 को उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. रवि के खिलाफ विधान परिषद में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए मामला दर्ज कराया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक सरकार से भाजपा नेता सी.टी. रवि की याचिका पर जवाब मांगा है.

याचिका में क्या दलील दीः

रवि की याचिका में कहा गया है कि आपराधिक जांच शुरू करना और जारी रखना स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 194(2) के तहत दिए गए संवैधानिक सुरक्षा उपायों का उल्लंघन है. यह अनुच्छेद राज्य विधानमंडल के सदस्यों को विधानमंडल या उसकी किसी समिति में उनके द्वारा कही गई किसी भी बात या दिए गए किसी भी मत के लिए पूर्ण प्रतिरक्षा प्रदान करता है.

रवि की याचिका में कहा गया कि उक्त प्रतिरक्षा विधायी विशेषाधिकार की संवैधानिक गारंटी का एक अनिवार्य पहलू है, जिसे विधायी कार्य की स्वतंत्रता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. याचिका में तर्क दिया गया कि प्राथमिकी संविधान द्वारा प्रतिरक्षित आचरण को आपराधिक बनाने का प्रयास करती है, तथा कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा कार्यवाही को रद्द करने से इनकार करना रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से त्रुटि के समान है.

Read more

Local News