पाकिस्तान के गृह मंत्री ने नेशनल असेंबली को बताया कि 16 महीनों में 5,033 पाकिस्तानी भिखारियों को सऊदी अरब से निर्वासित किया गया.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने नेशनल असेंबली में घोषणा की कि जनवरी 2024 से सऊदी अरब, इराक, मलेशिया, ओमान, कतर और यूएई से कुल 5,402 पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किया गया है. निर्वासन का मुख्य कारण भीख मांगना है. डेटा बताता है कि अकेले 2024 में इन देशों से 4,850 लोगों को निर्वासित किया गया, जबकि इस साल 552 लोग पाकिस्तान लौट आए. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार नकवी की यह टिप्पणी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सांसद सेहर कामरान के उठाए गए एक सवाल के लिखित उत्तर में आई है.
सऊदी अरब के बाद इराक ने सबसे ज्यादा 247 पाकिस्तानियों को वापस भेजा. यूएई ने पाकिस्तान सरकार के सामने गंभीर चिंता जताई और पाकिस्तानियों के लिए वीजा नियमों को कड़ा किया. इस दौरान 58 लोगों को वापस भेजा गया.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यह समस्या खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, जिससे पाकिस्तानियों के लिए दूसरे देशों से वीजा प्राप्त करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने अनुमान लगाया कि पाकिस्तान में करीब 22 मिलियन लोग भीख मांगते हैं, जिससे सालाना करीब 42 बिलियन डॉलर की कमाई होती है. यह आंकड़ा इस समस्या के पैमाने को दिखाता है.
2023 में सीनेट समिति की बैठक के दौरान, तत्कालीन विदेश मंत्रालय सचिव, जुल्फिकार हैदर ने खुलासा किया कि विदेशों में गिरफ्तार किए गए अधिकांश भिखारी लगभग 90 फीसदी पाकिस्तानी नागरिक थे. उन्होंने कहा कि उनमें से कई सऊदी अरब, ईरान और इराक जैसे देशों में तीर्थयात्रा वीजा पर यात्रा करते हैं, लेकिन फिर भीख मांगते हैं.