Monday, April 14, 2025

ऑपरेशन ब्रह्मा: भारत का पहला राहत पैकेज म्यांमार पहुंचा

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रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद म्यांमार की सहायता के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है.

 भारतीय सेना के अनुसार रविवार को शाम 5 बजकर 45 मिनट पर 10 कर्मियों की पहली राहत और बचाव टुकड़ी म्यांमार के मांडले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी. भारतीय सेना ने कहा कि टीम ने फील्ड अस्पताल की स्थापना के लिए साइट की टोह लेना शुरू कर दिया है और वर्तमान में ऑपरेशन के क्षेत्र का ओरिएंटेशन कर रही है.भारी उपकरणों और सप्लाई के साथ टीम का मुख्य दल सोमवार सुबह सड़क मार्ग से यात्रा करने वाला है.

रक्षा मंत्रालय (MoD) ने रविवार को कहा कि भारत ने 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद म्यांमार की सहायता के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है, जिसमें भारतीय नौसेना के जहाज राहत मटेरियल लेकर यांगून के लिए रवाना हुए हैं. MoD के बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय के निर्देशन में मुख्यालय इंटिग्रेटेड स्टाफ, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और NDRF के साथ मिलकर HADR प्रयासों को आगे बढ़ाया जा रहा है.

म्यांमार की सहायता के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू
बयान के अनुसार मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) के प्रति भारतीय नौसेना की तत्काल प्रतिक्रिया के तहत, पूर्वी नौसेना कमान से भारतीय नौसेना के जहाज सतपुड़ा और सावित्री शनिवार को यांगून के लिए रवाना हुए हैं. इसके अलावा अंडमान और निकोबार कमान से भारतीय नौसेना के जहाज करमुक और एलसीयू 52 भी एचएडीआर अभियानों में सहायता के लिए रविवार को यांगून के लिए रवाना होंगे. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने म्यांमार की सहायता के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया.

जीवित बचे लोगों की तलाश
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इन जहाजों पर लगभग 52 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई है, जिसमें आवश्यक कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाइयां और आपातकालीन सामान शामिल हैं. भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में ‘फर्स्ट रेस्पांडर्स’ बने रहने के भारत के संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध है. इस बीच सीएनएन ने बताया कि बचाव दल म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के दो दिन से अधिक समय बाद जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं, जिसने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक की इमारतों को गिरा दिया और आस-पास के चीनी प्रांतों में भी झटके महसूस किए,

अब तक कम से कम 1,700 लोगों की मौत
अधिकारियों का कहना है कि युद्ध से तबाह हुए देश में यह एक सदी से भी ज़्यादा समय में आया सबसे बड़ा भूकंप था. सीएनएन के अनुसार विशेषज्ञों को डर है कि मृतकों की सही संख्या सामने आने में कई सप्ताह लग सकते हैं. हालाँकि, देश की सैन्य सरकार के अनुसार अब तक कम से कम 1,700 लोग मारे गए हैं और लगभग 3,400 घायल हुए हैं. लगभग 300 अन्य लापता हैं. सीएनएन के अनुसार, शुरुआती मॉडलिंग के अनुसार, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने अनुमान लगाया है कि अंतिम मृत्यु दर 10,000 लोगों को पार कर सकती है.

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