ओडिशा; देश के लिए ड्यूटी निभाने का जज्बा ऐसा था कि एक सैनिक को मुश्किल घड़ी में बीमार पत्नी और नवजात बच्ची को छोड़कर ड्यूटी पर जाना पड़ा. कुछ ही दिन बाद उसकी दुनिया उजड़ गई. 12 मई की रात जवान की पत्नी की मौत हो गई. बच्ची मां की ममता के बिना रह रही है. शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया. परिजन का कहना है कि बेटा के आने के बाद अंतिम संस्कार होगा.
जवान देवराज गोंड का घर झारसुगुड़ा जिले के टेंगनमाल गांव में है. वह अरुणाचल प्रदेश में सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत हैं. 18 अप्रैल को एक महीने की छुट्टी पर आए थे, क्योंकि उनकी पत्नी गर्भवती थीं. 28 अप्रैल को उनकी पत्नी ने झारसुगुड़ा जिला मुख्यालय अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया. देवराज भी उस समय मौजूद थे. पत्नी की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बुर्ला भीमसर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. 29 अप्रैल से आईसीयू में बेहोश थीं.

इस बीच भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद सेना के जवानों की छुट्टी रद्द कर दी गयी. देवराज गांड को सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय से ड्यूटी पर आने के लिए बुलावा आ गया. इसके बाद 10 मई को पत्नी और बच्ची को छोड़कर ड्यूटी पर चले गए. 15 दिन तक बेहोश रहने के बाद सोमवार रात को मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण उनकी पत्नी लिपि की मौत हो गई.
देवराज, अरुणाचल प्रदेश में तैनात हैं. जिला प्रशासन ने उन्हें घर भेजने के लिए उच्च अधिकारियों से संपर्क किया है. झारसुगुड़ा के जिला मजिस्ट्रेट ने देवराज के झारसुगुड़ा लौटने के लिए टिकट बुक कर लिया है. अरुणाचल से गुवाहाटी पहुंचने के बाद वे वहां से सीधे कोलकाता आएंगे. इसके बाद मंगलवार रात कोलकाता से झारसुगुड़ा पहुंचेंगे. वहां से वे रात 8 बजे तक अपने गांव पहुंचने की उम्मीद है. जिसके बाद अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे.
मंत्री सुरेश पुजारी ने यह जानकारी दी. ओडिशा के राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा, “जवान की पत्नी को बहुत देर से भीमसर शिफ्ट किया गया था. मुझे 2 दिन पहले इसकी जानकारी मिली, मैंने भीमसर मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, डीन, डीएमईटी, स्वास्थ्य सचिव, झारसुगुड़ा और संबलपुर दोनों जिला कलेक्टरों से बात की। हमने इसके लिए एक टीम भी बनाई थी.लेकिन भगवान की कुछ और ही इच्छा थी. कल रात उसका निधन हो गया.”
